इस शीर्षक को पढ़कर लोग जरुर चौंक जायेंगे ,क्योंकि सब जानते हैं कि जब मुसलमान इंसानों और इंसानियत के परम शत्रु हैं ,तो वे पशुओं से प्रेम कैसे कर सकते हैं ?लेकिन मुसलमानों के पशुप्रेम का तात्पर्य उनका पशुओं के लिए दया और करुणा का भाव कदापि नहीं है .यह तो और ही प्रकार का प्रेम है ,जो मुस्लिम देशों में काफी समय से प्रचलित है .यद्यपि मुसलमान इस बात को छुपाते हैं
इस इस्लामी कुकर्म को "पशु मैथुन "Bestiality "कहा जाता है .कामातुर होकर मुसलमान अपने पालतू जानवरों ,जैसे बकरी ,भेड़,गधी,और ऊंटनी के साथ कुकर्म करते हैं .अरब में तो यह परम्परा के रूप में इस्लाम के पूर्व से आजतक प्रचलित है .
1 -पशु मैथुन हज का प्रमुख अंग था
الحج إلى مكة المكرمة ليست كاملة دون كلبين مع الجمل
जब तक ऊंटनी के साथ सम्भोग नहीं किया जाता ,हज्ज पूरा नहीं होता .अब्दुल्ला इब्ने अब्बास ने कहा कि रसूल ने कहा यह अरब कि यह अरबों की रवायत है .इसमे कोई गुनाह नहीं है .सुन्नन अबू दाऊद-किताब 38 हदीस 4449
2 -अरब देशों से प्राप्त पशु मैथुन के आंकड़े -
Here are the Muslim countries and how they placed in the top five world ranking of various bestiality-related internet search terms:
Pig Sex: Pakistan (No. 1) Egypt (No. 2) Saudi Arabia (No. 3)
Donkey Sex: Pakistan (No. 1) Iran (No. 3) Saudi Arabia (No. 4)
Dog Sex: Pakistan (No. 1) Saudi Arabia (No. 3)
Cat Sex: Pakistan (No. 1) Iran (No. 2) Egypt (No. 3) Saudi Arabia (No. 4)
Horse Sex: Pakistan (No. 1) Turkey (No. 3)
Cow Sex: Pakistan (No. 1) Iran (No. 2) Saudi Arabia (No. 4)
Goat Sex: Pakistan (No. 1)
Animal Sex: Pakistan (No. 1) Morocco (No. 2) Iran (No. 4) Egypt (No. 5)
Snake Sex: Pakistan (No. 1) Malaysia (No. 3) Indonesia (No. 4) Egypt (No. 5)
Monkey Sex: Pakistan (No. 1) Indonesia (No. 3) Malaysia (No. 4)
Bear Sex: Pakistan (No. 1) Saudi Arabia (No. 2)
Elephant Sex: Pakistan (No. 1) Egypt (No. 3) United Arab Emirates (No. 4) Malaysia (No. 5)
Fox Sex: Saudi Arabia (No. 1) Turkey (No. 4)
3 -प्रमाणिक हदीस सही मुस्लिम से सबूत
و حدثني زهير بن حرب وأبو غسان المسمعي ح و حدثناه محمد بن المثنى وابن بشار قالوا حدثنا معاذ بن هشام قال حدثني أبي عن قتادة ومطر عن الحسن عن أبي رافع عن أبي هريرة أن نبي الله صلى الله عليه وسلم قال إذا جلس بين شعبها الأربع ثم جهدها فقد وجب عليه الغسل
وفي حديث مطر وإن لم ينزل قال زهير من بينهم بين أشعبها الأربع حدثنا محمد بن عمرو بن عباد بن جبلة حدثنا محمد بن أبي عدي ح و حدثنا محمد بن المثنى حدثني وهب بن جرير كلاهما عن شعبة عن قتادة بهذا الإسناد مثله غير أن في حديث شعبة ثم اجتهد ولم يقل وإن لم ينزل
Narrated by Zuhair Ibn Harb, narrated by Ghasan Al-Masma’i, narrated by Muhammad Ibn Al-Mathny, narrated by Ibn Bashar, who said that it was narrated by Muath Ibn Hisham, narrated by Abu Qatada, narrated by Mattar, narrated by Al-Hassan, narrated by Abu Rab’i, narrated by Abu Huraira who said:
"The prophet – peace be upon him – said, ‘If one sits between a woman’s four parts (shu’biha Al-arba’) and then fatigues her, then it necessitates that he wash.’
In the hadith of Mattar it is added ‘even if he does not ejaculate (yunzil).’ Zuhair narrated among them using the phrase ‘Ashba’iha Al-arba’. It was also narrated by Muhammad Ibn Umar Ibn Ibad Ibn Jablah, narrated Muhammad Ibn Abi Uday, narrated by Muhammad Ibn Al-Mathny, narrated by Wahb Ibn Jarir who both related from Shu’bah who narrated from Qatada who gave this same chain of transmission, except that in the hadith of Shu’bah it has the phrase ‘then he labored’ but did not have the phrase ‘even if he does not ejaculate.’
4 -मुस्लिम औरतें पशु मैथुन कर सकती हैं
"अगर कोई औरत अपनी योनी में जानवर का लिंग घुसवाती है ,तो उसे अपनी योनी को धो लेना चाहिए .और उस लिंग को भी बाहर निकालने के बाद धो लेना चाहिए .इसमे कोई दो मत नहीं है .
If a woman inserts (in her vagina) an animal's penis she must wash, and if she inserts a detached penis (thakaran maktu-an, lit. "a severed male member") there are two opinions; the most correct is that she must wash.
إذا أدخلت المرأة (في فرجها) القضيب حيوان أنها يجب أن يغسل، وإذا كانت إدراج فصل القضيب
सही मुस्लिम -किताब हैज़ -हदीस 525
5 -हज्ज में ऊंटनी के साथ मैथुन जरूरी
الحج إلى مكة المكرمة ليست كاملة دون كلبين مع الجمل
जब तक ऊंटनी के साथ सम्भोग नहीं किया जाता ,हज्ज पूरा नहीं होता .अब्दुल्ला इब्ने अब्बास ने कहा कि रसूल ने कहा यह अरब कि यह अरबों की रवायत है .इसमे कोई गुनाह नहीं है .सुन्नन अबू दाऊद-किताब 38 हदीस 4449
6-पशु मैथुन से हज्ज खराब नहीं होता .
सुन्नी इमाम अबूबकर अल काशनी ने अपनी कताब में लिखा है कि "अगर कोई जानवर के साथ मैथुन करता है तो ,उसका हज्ज बर्बाद नहीं होता ."Sunni Imam Abu Bakar al-Kashani (d. 587 H) records in his authority work 'Badaye al-Sanae' Volume 2 page 216:
ولو وطئ بهيمة لا يفسد حجه
"If he had sexual intercourse with an animal, that will not make his hajj void
वादये अल शानैं-जिल्द 2 पेज 216
7 -पशु मैथुन हलाल है
इस्लाम के हनफी विद्वान् "अल्लामा हसन बिन मंसूर गाजी खान ने पशु मैथुन के बारे में अपने फतवे में कहा है कि अधिकाँश विद्वान् पशु मैथुन को हलाल मानते है मानते है .लेकिन मकरूह (नापसंद )कहते हैं " .लेकिन मकरूह (नापसंद )कहते हैं "
لقد كانت نكاح الحيوانات قبل البعثه منتشره وتروى كثير من الروايات انها حلال لكنها مكروه والاحوط وجوبا ترك هذه العاده التي تسبب الأذى النفسي ويجب عليك الاعتراف لصاحب الاغنام ودفع قيمتها لمالكها
sex with animals before the mission (Islam) was wide spread and many narrations are narrated that it is halal but makrooh (disliked). And on the compulsory precaution one should abandon this practice that may cause self harm. And you must admit this to the owner of the sheep and pay the owner.
फतवा -गाजी खान -पेज 820 .अल उज़्मा सय्यद अली सीस्तानी
इन सारे प्रमाणों से साबित होता है कि इस्लाम के कितने उच्च विचार है ,जब मुसलमान पशुओं को भी अपनी हवस का निशाना बना सकते हैं ,तो उन से इंसानियत की आशा रखना मूर्खता होगी .और विचार करिए कि जब मुसलमान ऐसे कुकर्मी हैं ,तो मुहम्मद चरित्रवान की हो सकता था .वह भी अरबी संस्कृति में पला हुआ था .
अभी तो यह थोड़े से नमूने दिए है ,आगे और भी जानकारियाँ देते रहेंगे .आप पढ़ते रहिये
http://www.wikiislam.net/wiki/Islam_and_Bestiality#Definitions
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