रविन्द्र द्विवेदी
दिल्ली पुलिस
सदैव आपके साथ का नारा देने वाली की जमीनी हकीकत कुछ और है। हाथी के दांत खाने के
कुछ और दिखाने के और होते हैं। ज्ञात रहे कि उत्तम नगर निवासी शिल्पी जायसवाल और
उसके परिवार को बलात्कार की साजिश में शामिल होने के फर्जी आरोप में जेल
भेजने और तिहाड़ जेल में बंद आरोपियों की
पैरवी करने पर जान से मारने की धमकी देने पर आरोपी व अपराधी मानसिकता वाले उत्तम
नगर के संजय इंक्लेव के निवासी किशन चन्द्र शर्मा के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज
करने एवं प्रार्थिनी के परिवार की जान-माल की रक्षा हेतु थाना बिंदापुर के एस. एच. ओ., द.प. जिला के ए.सी.पी., डी.सी.पी. और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को 25/03/2013 को ज्ञापन दिया गया
था, मगर ज्ञापन पर दो महीना से ज्यादा बीत जाने के बाद भी
अपराधी किशन चंद्र शर्मा पर कोई कार्यवाही नही की गयी।
इतना ही नही शिल्पी जायसवाल ने एक बार फिर
29/05/2013 को द. प. जिला के डी.सी.पी. व दिल्ली के पुलिस आयुक्त को श्रीराम
आधार फाऊण्डेशन एन.जी.ओ. के माध्यम से ज्ञापन दिया। मगर दिल्ली पुलिस के भ्रष्ट
अधिकारी इन सारे ज्ञापनों को कूड़े के ढेर में फेंक दिया और आज भी वो अपराधी
प्रापर्टी डीलर दिल्ली पुलिस के वरदहस्त से खतरनाक सांड की तरह छुट्टा घूम रहा
है।
ज्ञात रहे कि प्रार्थिनी की परिचित श्रीमती पान कुमारी के
बेटे आलोक के विरूद्ध थाना बिन्दापुर में
दिनांक 19.03.2013 को बलात्कार का एक मामला (एफ.आई.आर. 132 धारा 376/120 बी/506)
दर्ज हुई। इस मामले में आरोपी आलोक, आलोक की मां पान कुमारी और आरोपी का भाई सोनू को पुलिस ने गिरफ्तार कर
लिया। आरोपियों को 20.03.2013 को द्वारका न्यायालय की कोर्ट संख्या 513 में पेश
किया गया। कोर्ट ने तीनों को तिहाड़ भेज दिया।
प्रार्थिनी को
पीडि़ता लड़की के पिता किशन लाल शर्मा ने 20.03.2013 को प्रार्थिनी के पति के साथ विशेष बातचीत करने
के लिये अपने घर सी-39, राजापुरी रोड, संजय इंक्लेव, उत्तम नगर,
दिल्ली पर बुलाया।
प्रार्थिनी
अपने पति राजीव कुमार के साथ किशन लाल शर्मा के घर पहुंची। किशन लाल शर्मा ने
राजीव कुमार से कहा कि तू बहुत बड़ा पत्रकार बनता है अक्सर लोगों की मदद के लिये
शासन-प्रशासन को पत्र भेजता है। अगर तूने आलोक और उसकी मां के मामले में पैरवी
करने का प्रयास किया तो मैं अपनी बेटी पर दबाव डालकर पुलिस में बलात्कार की साजिश
में शामिल होने का तेरा नाम भी लिखवा दूंगा और तू भी अपने परिचित की तरह तिहाड़
जेल की हवा खायेगा।
किशन लाल शर्मा
ने कहा कि एस. एच. ओ. और आई. ओ. निर्मला
शर्मा थाना बिंदापुर से हमारा अच्छा परिचय है और उनसे कहकर मैं किसी भी समय तूझे किसी भी झूठे मामले में
जेल भिजवा दूंगा।
प्रार्थिनी
शिल्पी जायसवाल अपने पति के खिलाफ अनुचित बातें सुनकर भयभीत हो गई और बौखला गयी।
उसने किशन लाल शर्मा से तिहाड़ जेल में बंद आरोपियों से कोई वास्ता न रखने की बात
कही। यह कहकर प्रार्थिनी अपने पति के साथ अपने घर वापस चली आई।
23.03.2013 को प्रार्थिनी अपने पति राजीव कुमार
के साथ उत्तम नगर बस टर्मिनल शनि बाजार में सामान खरीदने गयी थी। बाजार से वापस
आते समय किशन लाल शर्मा उन्हें मिला और कहा कि तुम दोनों मेरी पीडि़ता बेटी के
विषय में अफवाह फैला रहे हो कि वो गर्भवती थी। अगर यह अफवाह फैलाना नही छोड़ोगे तो
हम तुम्हें जेल में बंद करवा देंगे। प्रार्थिनी ने किशन लाल शर्मा से कहा कि उनकी
इस अफवाह में कोई भूमिका नहीं है और न ही
इस अफवाह के विषय में उन्हें कोई जानकारी है।
किशन चंद्र
शर्मा ने प्रार्थिनी और उसके पति से कहा कि पुलिस शिल्पी जायसवाल और उसके पति का
फोन टेप कर रही है और उसके आदमी हर वक्त तुम्हारे उपर नजर गड़ाये हैं और बारीकी
से तुम्हारी हर गतिविधियों पर निगाह रख
रहे हैं। अगर तिहाड़ जेल में बंद आरोपियों की पैरवी का जरा भी शक उन पर हुआ तो उन्हें
व उनके बच्चों के साथ कोई गंभीर हादसा हो सकता है। यहां तक की उनकी जान भी जोखिम
में पड़ सकती है।
किशन चंद्र
शर्मा ने अपनी धमकी में यह भी कहा कि वो प्रापर्टी डीलर है और उसका भाई जिम चलाता
है और बड़े-बड़े गुण्डे पाल रखे हैं। जो भी आरोपियों की पैरवी में थाना या अदालत
जायेगा, उसे जान से मरवा देगा। उसकी पुलिस में भी
सांठ-गांठ है और पुलिस से अपने प्रभाव से
वो साफ बच जायेगा। इस धमकी से प्रार्थिनी और उसका पति बहुत डर गए और उन्हें अपनी
व परिवार की जान-माल का खतरा पैदा हो गया।
जान-माल का
खतरा होने की वजह से शिल्पी जायसवाल और उनका
परिवार बेहद डर गया और दिनांक 25 मार्च
2013 को आरोपी किशन चंद्र शर्मा एवं उसके असामाजिक तत्वों के विरूद्ध श्रीराम
आधार फाऊण्डेशन के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लिखित शिकायत दर्ज
कराकर अपने पति और बच्चों के साथ दिनांक 26 मार्च 2013 को अपने गांव चली गई, ताकि मामला समाप्त होने के बाद दिल्ली
वापस आकर निर्भय और शांति पूर्वक रह सकें।
किशन चंद्र
शर्मा की छोटी बेटी मनीषा उर्फ चेट्टी की
अपने एक पुरूष मित्र से बातचीत का ऑडियो कैसेट मिला है, जिसमें वो अपने पुरूष मित्र से कह रही है
कि ओम के पापा यानी राजीव कुमार के दिल्ली
पहुंचते ही उसकी बड़ी बहन मेरे पिता का इशारा
पाकर राजीव और उनके मित्र चंदू का नाम लेगी कि ये लोग मेरे घर पर रिवाल्वर
लेकर आये मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। फिर मेरे पिता पुलिस
में अपनी जान-पहचान का फायदा उठाकर राजीव और चंदू को तिहाड़ जेल भिजवा देंगे।
ऑडियो कैसेट
में मनीषा उर्फ चेट्टी ने अपने पुरूष मित्र से यह भी कहा कि मेरे पिता किशन चंद
शर्मा राजीव के गांव से लौटने के बाद खूब मारेंगे और अपने गुण्डों से पिटवायेंगे।
उसने यह भी कहा कि पुलिस में किशन चंद्र शर्मा की अच्छी पहचान होने के कारण राजीव तथा चंदू के पूरे परिवार को जेल में बंद
करवा देंगे।
उपरोक्त ऑडियो
सी.डी. से स्पष्ट होता है कि किशन चंद्र शर्मा शिल्पी जायसवाल के पति राजीव
कुमार को झूठे केस में फंसाने के लिये किसी भी हद तक जा सकता है और उनके परिवार के
साथ कभी भी किसी भी हादसे अंजाम दे सकता
है। सीडी में उसकी बेटी ने साफ-साफ कहा है कि उसका बाप उसके पूरे परिवार को फंसाकर
जेल की हवा खिलायेगा।
किशन चंद्र
शर्मा शिल्पी जायसवाल के परिवार से इतना चिढ़ा है कि वह उन्हें व उनके परिवार के लोगों को फंसाने के लिये किसी भी सीमा
तक जा सकता है। शर्मा पुलिस के साथ मिलकर श्रीमती जायसवाल के घर पर कोई नशीला
पदार्थ रखवाकर उन्हें फंसवा सकता है, अपने ही बच्चों को गायब कर उन्हें अपहरण की साजिश में फंसवा सकता है।
वह अपने ही घर में गोली चलवाकर, बम विस्फोट करवाकर उनके पति पत्रकार राजीव कुमार व पूरे परिवार को फंसवा
सकता है।
ज्ञात रहे कि किशन चंद्र शर्मा जब विष्णु
प्रकाश दूबे के निवास आर-जेड-34,
मानसकुंज, उत्तम नगर, दिल्ली में
किराये पर रहता था तब उसके उपर किसी ने जान लेवा हमला किया था। इस व्यक्ति की
हमेंशा किसी न किसी से दुश्मनी रहती है इसलिये भविष्य में पुन: इस व्यक्ति के
उपर कोई हमला होता है तो इसके लिये शिल्पी जायसवाल का परिवार किसी भी हाल में
जिम्मेदार नही होगा ऐसा उन्होने अपने ज्ञापन में कहा है।
अपराधी किशन
चंद शर्मा की ताकत उसका जिम वाला भाई है, जब जरूरत होती है तो उसके भाई के जिम के गुण्डे उसका साथ देने के लिये आ
जाते हैं। इसके साथ किशन चंद्र शर्मा के कई ऐसे दोस्त हैं जो खूंखार अपराधी
प्रवृत्ति के हैं जो किशन चंद्र शर्मा की मदद करते हैं। किशन चंद्र शर्मा ऐसे
अपराधी प्रवृत्ति के मित्रों के बल पर शिल्पी जायसवाल के परिवार को धमकाता रहता है।
किशन चंद्र
शर्मा अपनी बेटी के बलात्कार के आरोप को अपने विरोधी के खिलाफ उसका भरपूर लाभ
उठाना चाहता है। यानी जो भी किशन चंद्र शर्मा का विरोध करेगा उसकी बेटी बलात्कार
पीडि़ता होने के नाते उसे बलात्कार के आरोपी के मददगार के रूप में, जान से मारने की धमकी देने के इल्जाम में
गिरफ्तार करवा देगी, जिसका खुलासा किशन चंद्र शर्मा की बेटी
मनीषा उर्फ चेटीके द्वारा अपने पुरूष
मित्र से बातचीत की ऑडियो सीडी से हो गया है।
ज्ञापन में
शिल्पी जायसवाल ने यह भी कहा है कि किशन चंद्र शर्मा अपनी बड़ी बेटी, दूसरी छोटी बेटी मनीषा उर्फ चेटी और अपनी
पत्नी सीता शर्मा को आगे कर उनके पति राजीव कुमार पर कोई भी गंदे, घिनौने आरोप लगवा सकती है, यदि भविष्य में इस तरह
के आरोप लगता है तो वो पूरी तरह से गलत व बेबुनियाद होगा।
भविष्य में उनके
पति राजीव कुमार व हमारे परिवार के उपर कोई हमला होता है तो इसके लिये किशन चंद्र
शर्मा व उसका परिवार और उसके गुण्डे मित्र व उसका समर्थन करने वाले कुछ प्रापर्टी
डीलर जिम्मेदार होंगे। पत्रकार राजीव
कुमार 27.05.2013 को दिल्ली आये हैं और उसके बाद से उन्हें धमकियां मिलनी शुरू
हो गयी।
दिनांक 25 मार्च
2013 व इसके बाद 29 मई 2013 को आरोपी किशन चंद्र शर्मा एवं उसके सामाजिक तत्वों
के विरूद्ध श्रीराम आधार फाउण्डेशन के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को
लिखित शिकायत दर्ज करवाई गई थी, मगर
आरोपी किशन चंद्र शर्मा के विरूद्ध पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नही की।
शिल्पी
जायसवाल ने आगे मांग की है कि प्रार्थिनी और उसके पति को बलात्कार की साजिश में
अपनी बेटी के माध्यम से फंसाने, तिहाड़
जेल में बंद आरोपियों की पैरवी करने से जबरन रोकने,
प्रार्थिनी और उसके पति व परिवार की हत्या करवाने की धमकी देने के आरोप में धमकी
देने वाले किशन चंद्र शर्मा के विरूद्ध समुचित धाराओं में एफ.आई.आर. दर्ज कर उसे
गिरफ्तार करवायें।
यदि प्रार्थिनी
पति व बच्चों के साथ घर या घर के बाहर कोई हादसा होता है तो उसके लिये जिम्मेदार
किशन चंद्र शर्मा और उसके गुण्डे होंगे। प्रार्थिनी व उसके परिवार की हिफाजत की
जाये।
आरती मिश्र को भी धमकियां मिलती हैं
धमकी देने का
सिलसिला यहीं नही थमता। शिल्पी जायसवाल की परिचित आरती मिश्र को भी किशन चंद्र
शर्मा बुरी तरह धमकाता था कि यदि तुम पैरवी में आगे आयी तो तुम्हारे पूरे परिवार
जेल में सड़ेंगे। इन्ही धमकियों से आजिज आरती मिश्र ने शिल्पी जायसवाल के साथ
अपनी शिकायत थाने से लेकर पुलिस आयुक्त तक करायी थी। मगर प्रापर्टी डीलर के पैसे का कमाल देखिये कि बिंदापुर थाना, दिल्ली की आई. ओ. व सब इंस्पेक्टर
निर्मल शर्मा नं0 डी 1414 पीआईएस नं0 24860002 ने उस अपराधी आरोपी का पक्ष लेते हुये दिनांक
30 मार्च 2013 को अपने मोबाइल फोन नं0 9911922946 से आरती मिश्रा के फोन नं0
9716949468 पर फोन करके कहा कि अपनी शिकायत तुरंत वापस ले लो अगर शिकायत वापिस
नहीं ली तो तुम्हारा नाम भी बलात्कार और बलात्कार की साजिश में शामिल आरोपियों
के नामों की सूची में चार्ज-सीट में डाल दूंगी और तुम्हें और तुम्हारे पति को
अंदर करवा दूंगी। वह अपराधी निर्मल शर्मा की मदद से साजिश पर साजिश रचता जा रहा है
निर्मल शर्मा उसे नये-नये गुर सिखाते जा रही हैं। ऐसे पुलिस अधिकारियों के चलते
दिल्ली में अपराधियों के हौसलें बुलंद है।
(लेखक रामाधार
फाउंडेशन एनजीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अखिल भारत हिन्दू महासभा दिल्ली प्रदेश
के अध्यक्ष हैं)
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