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Friday, March 2, 2018

हिन्‍दू महासभा नें भारतीय निर्वाचन आयोग पर वीर सावरकर की राजनीतिक विरासत बचाने का संकल्‍प लिया



नई दिल्‍ली, हिन्‍दू महासभा मुक्ति आंदोलन समिति के तत्‍वाधान में हिन्‍दू महासभा कार्यकर्ताओं नें वीर सावरकर की पुण्‍यतिथि 26 फरवरी, 2018 को वीर सावरकर की राजनीतिक विरासत को बचाने का संकल्‍प लिया। हिन्‍दू महासभा कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे भारतीय निर्वाचन आयोग पर एकत्र हुए और वीर सावरकर के चित्र पर पुष्‍पांजली अर्पित कर श्रद्धांजली अर्पित करने के बाद अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की और आयोग के कार्यालय का घेराव किया।



     आंदोलन समिति के महांमंत्री रविन्‍द्र कुमार द्विदी नें  अपने संबोधन में कहा कि वीर सावरकर नें हिन्‍दू महासभा के माध्‍यम से ''राजनीति का हिन्‍दूकरण और हिन्‍दुओं का सैनिकीकरण'' तथा भारत को ''हिन्‍दू राष्‍ट्र'' बनाने का उद्घोष किया। वीर सावरकर का यह उद्घोष आज भी अधूरा है, जिसे हिन्‍दू महासभा ही पूरा कर सकती है। रविन्‍द्र द्विवेदी नें कहा कि हिन्‍दू महासभा 12 साल से नेतृत्‍व विवाद और गुटबाजी में उलझकर न केवल वीर सावरकर की नीतियों से भटकने लगी है, वरन अभाहिम का राजनीतिक अस्तित्‍व भी खतरे में पड़ गया है। वीर सावरकर की राजनीति क विरासत ''अखिल भारत महासभा'' के राजनैतिक अस्तित्‍व को बचाने के लिए रविन्‍द्र कुमार द्विवेदी नें  भारतीय निर्वाचन आयोग से प्रत्‍यक्ष हस्‍तक्षेप कर अभाहिम को गुटबाजी से मुक्‍त कराने और चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्‍त कर पर्यवेक्षक के  मार्गदर्शन में राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के संवैधानिक चुनाव की प्रक्रिया आरंभ करनेकी मांग की।




     आंदोलन समिति के अध्‍यक्ष ने अपने अध्‍यक्षीय संबोधन में कहा कि गुटबाजी के चलते स्‍वामी चक्रपाणी और चंद्र प्रकाश कौशिक ने हिन्‍दू महासभा भवन पर अनधिकृत रूप से अधिकार करके भवन को आर्थिक भ्रष्‍टाचार एवं आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बना लिया है। उन्‍होंने दोनों के विरूद्ध प्राथमिक दर्ज कर गिरफ्तार करने और हिन्‍दू महासभा भवन को सरकारी रिसीवर के सुपुर्द करने की मांग की। उन्‍होंने कहा कि 16 मार्च, 2012 को दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय ने किसी को राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नहीं माना और भारतीय निर्वाचन आयोग में भी किसी का नाम दर्ज नही है। इसके बावजूद चक्रपाणी और चन्‍द्र प्रकाश कौशिक स्‍वघोषित अध्‍यक्ष बनकर उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय की अवमानना का अपराध कर रहे हैं।


     जनसंपर्क प्रभारी नें प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि गुटबाजी के चलते हिन्‍दू महासभा  निष्‍ठावान कार्यकर्ता  अन्‍य हिन्‍दू संगठनों में जाने का विकल्‍प तलाश रहे हैं। हिन्‍दू महासभा को सशक्‍त और उर्जावान बनाने के लिए आंदोलन समिति का आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों को हरियाणा प्रदेश के अध्‍यक्ष, दिल्‍ली प्रदेश अध्‍यक्ष, हिन्‍दू स्‍वराज्‍य सेना दिल्‍ली के अध्‍यक्ष सहित विभिन्‍न प्रांतों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।




     प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमण्‍डल  आंदोलन समितिके अध्‍यक्ष के नेतृत्‍व में भारतीय निर्वाचन आयोग के वरिष्‍ठ अधिकारियों से मिला और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। आयोग के अधिकारियों नें ज्ञापन में उल्‍लिखित मांगों पर सकारात्‍मक निर्णय लेकर हिन्‍दू महासभा के राजनैतिक अस्‍तित्‍व को बचाने आश्‍वासन दिया। प्रतिनिधि मण्‍डल नें  मांगों के पूरा न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।

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