अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के निर्वाचन का परिणाम 22 नवम्बर को घोषित हो चुका है । 22 दिसंबर को लखनऊ में होने वाले 65 वें राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियां चल रही हैं । अधिवेशन में नवीन राष्ट्रीय कार्यकारिणी अपना तीन वर्षीय कार्यकाल का दायित्व संभालेगी । इस बीच हिन्दू महासभा के निवर्तमान राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने संगठनात्मक स्तर पर एक बड़ा बयान दिया है । उन्होंने कहा कि हिन्दू महासभा की जिन प्रदेश इकाइयों ने निर्वाचन प्रक्रिया में मतदान नहीं किया और चुनाव से तटस्थ बने रहे , उन प्रदेशों में अधिवेशन सम्पन्न होने के तुरंत बाद नेतृत्व परिवर्तन किया जाएगा । ऐसे तीन प्रदेशों को चिन्हित किया गया है । साथ ही दोहरा मतदान कर चुनाव प्रक्रिया का उपहास उड़ाने वाले 4 अन्य प्रदेशों को भी चिन्हित किया गया है , जिनमे अधिवेशन पश्चात नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है ।
निवर्तमान राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने जारी बयान में कहा कि मतदान न करने वाले प्रदेशों के नेतृत्व में निर्णय ले पाने में अक्षम होने और दोहरा मतदान कर अपने मत को अमान्य घोषित करवाने वाले प्रदेशों के नेतृत्व में अपने निर्णय के प्रति गंभीर न होने का बोध प्रकट होता है , जो घोर संगठन द्रोह की श्रेणी में आता है । ऐसे प्रदेश नेतृत्व हिन्दू महासभा के लिए घातक सिद्ध होंगे । इसलिए चिन्हित प्रदेशों में नेतृत्व परिवर्तन अनिवार्य हो गया है । निष्क्रिय पड़े प्रदेशों में भी नेतृत्व परिवर्तन होगा ।
रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान अनेक पदाधिकारियों का संगठन विरोधी आचरण प्रकट हुआ है । ऐसे पदाधिकारियों को उनके पद से हटाने पर भी गंभीरतापूर्वक विचार चल रहा है । उन्होंने कहा कि 65 वें अधिवेशन के साथ ही देश भर में सदस्यता अभियान के माध्यम से हिन्दू महासभा की नीतियों और वीर सावरकर के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का अभियान आरम्भ होगा ।
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