दिल्ली
अखिल भारत हिन्दू महासभा उत्तर भारत के
प्रभारी एंव फैजाबाद लोकसभा के उम्मीदवार रविन्द्र द्विवेदी ने राष्टपति प्रणव मुखर्जी से लाल कृष्ण आडवाणी
आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद पर 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में मंदिर विध्वंस की एफआर्इआर
दर्ज कराने की मांग की है। रविन्द्र द्विवेदी ने आभाटा संवाददाता से विशेष बातचीत में बताया
कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माना है कि कारसेवको के उन्माद में अयोध्या में जो
जर्जर ढांचा ध्वस्त हुआ था वो जर्जर ढांचा मस्जिद का न होकर मंदिर का ढांचा 'गुंबद' था उस ढाचे के विध्वंस के लिए लालकृष्ण
आडवाणी के साथ आरएस एस और विहिप नेताओ की सामूहिक जिम्मेदारी बनाती है।
इनके
खिलाफ मस्जिद का ढांचा गिराने का मामला लंबित है, जो उचित नहीं। मस्जिद की जगह मस्जिद के विध्वंस का मामला दर्ज होना चाहिए। रविन्द्र द्विवेदी
ने कहा कि मंदिर का ढांचा ध्वस्त होने से
पूरे हिन्दू समाज का अपमान हुआ है। इस अपमान को हिन्दू महासभा किसी भी कीमत पर सहन
नहीं करेगी। रविन्द्र द्धिवेदी ने मुसिलम समाज को चेतावनी देते हुए कहा कि ध्वंस जर्जर ढांचा मंदिर होने से श्री राम जन्म भूमि पर मस्जिद का दावा स्वत: समाप्त हो जाता है। अत: मुसिलम
समाज को अपना हर दावा और हर आपत्ति वापस
लेकर भव्य मनिदर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। रविन्द्र द्विवेदी ने अपनी चेतावनी में पुन: दोहराया है कि हिन्दू
महासभा श्री राम जन्मभूमि पर मस्जिद निर्माण के लिए एक ईंच जमीन नही देगी और निर्मोही
अखाड़ा तथा साधू संतो के सहयोगी से भव्य मंदिर का निर्माण अवश्य होगा।
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