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Monday, October 18, 2010

मंदिर-मस्जिद विवाद का फार्मूला निकालने की घोषणा राजनीतिक स्टंट

अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्री य अध्य क्ष स्वा्मी चक्रपाणी महाराज ने महन्त ज्ञानदास के अयोध्या स्थित आवास पर हिन्दू और मुस्लिम नेताओं के बीच हुई बैठक में मंदिर-मस्जिद मुद्दे के समाधान का फार्मूला निकालने की घोषणा को राजनीतिक स्टंट बताते हुये कहा कि हिन्दू महासभा इलाहाबाद उच्चे न्याजयालय द्वारा गत 30 सितंबर को सुनाये गये निर्णय को सर्वोच्चट न्या यालय में चुनौती देने के अपने निर्णय पर अडिग है. इस संदर्भ में हिन्दू महासभा और वरिष्ठि अधिवक्ताटओं के बीच व्यालपक स्तहर पर विचार विमर्श चल रहा है और शीघ्र ही सर्वोच्चे न्यादयालय में चुनौती देने वाली याचिका दायर करने की तिथि की घोषणा की जायेगी.

हिन्दू महासभा के राष्‍ट्रीय मीडिया प्रभारी रविनद्र कुमार द्विवेदी ने आज जारी बयान में बताया कि इलाहाबाद उच्चर न्यादयालय में मुख्य्तः तीन पक्षकार हिन्दूी महासभा, सुन्नीज वक्‍फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा शामिल थे, जिनके बीच 60 साल तक मुकदमा लड़ा गया. इनमें से केवल निर्मोही अखाड़ा ही बातचीत से हल निकालने का प्रयास कर रहा है, जो पूर्णतः औचित्यगविहीन है. द्विवेदी ने कहा कि हिन्दू महासभा और सुन्नीा वक्फर बोर्ड द्वारा सर्वोच्चि न्याकयालय में चुनौती देने के घोषणा के बाद अन्यय हिन्दूइ-मुस्लिम संगठनों और नेताओं के मध्यन सुलह वार्ता का कोई औचित्य् ही नही रह जाता.

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रविन्द्रव कुमार द्विवेदी ने बताया कि स्वा मी चक्रपाणि महाराज सर्वोच्च न्याीयालय के अधिवक्तार गुबरैल, दिल्ली् उच्च् न्यामयालय की अधिवक्तास संजया शर्मा, राजेश रैना आदि से सर्वोच्चत न्‍यायालय में चुनौती याचिका दायर करने के संदर्भ में गहन विचार विमर्श चल रहा है. द्विवेदी ने कहा कि हिन्दूच महासभा लाशों के अंबार पर मंदिर निर्माण नहीं कराना चाहती. इसलिये उसने आरंभ से ही न्याियालय के माध्यदम से इलाहाबाद उच्चु न्यांयालय के 30 सितंबर के विवादास्पभद निर्णय का समाधान खोजने की कोशिश कर रही है. उन्होंसने कहा कि मस्जिद को दी जाने वाली एक तिहाई जमीन हिन्दु ओं को सौंपे बिना भव्यण श्रीराम का मंदिर निर्माण नही हो सकता.

1 comment:

  1. आपकी बात से सहमत ,हिंदी ब्लॉग में आपका स्वागत है
    हमारे ब्लॉग पर भी आये. दीर्घतमा.

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