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Monday, September 30, 2013

पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री जयंती समारोह रूप नगर में

नई दिल्‍ली। सामाजिक संस्‍था सामूहिक प्रयास पूर्व प्रधानमंत्री स्‍व0 लाल बहादुर शास्‍त्री जयंती पर दो अक्‍टूबर को सांस्‍कृतिक समारोह का आयोजन कर सशक्‍त  एवं भव्‍य भारत के  निर्माण का शपथ लेंगी। समारोह में मुख्‍य अतिथि पद पर अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्षए केन्‍द्रीय मंत्री सुनील शास्‍त्री, मुख्‍य वक्‍ता के रूप में अखिल भारत हिन्‍दू महासभा दिल्‍ली प्रदेश के अध्‍यक्ष रविन्‍द्र द्विवेदी तथा विशिष्‍ट अतिथि पद पर विधायक कंवर करण सिंह को आमंत्रित किया गया है। सामूहिक प्रयास समिति की अध्‍यक्षा श्रीमती रजनी सक्‍सेना ने आज जारी बयान में बताया कि समारोह की अध्‍यक्षता वरिष्‍ठ समाज सेवक महाबीर बंसल तथा संचालन दूरदर्शन की प्रस्‍तोता श्रीमती रेखा व्‍यास करेंगी। विशिष्‍ट अतिथि निगम परिषद रेणू गुप्‍ता एव निगम पार्षद अ‍रविंद गुप्‍ता होंगे। समारोह को अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के कार्यकारी अध्‍यक्ष सुशील मिश्र, आप की आवाज के अध्‍यक्ष श्‍याम गोपाल गुप्‍ता, दाताराम जोशी और मृदुला शर्मा जी संबोंधित करेंगे।
    रजनी सक्‍सेना ने बताया कि समारोह को भव्‍य एवं सफल बनाने के लिये समिति ने एक आयोजन समिति का गठन किया है। आयोजन समिति में सामूहिक प्रयास समिति के महासचिव तेजभान, अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के भारतीय भाषा विकास प्रकोष्‍ठ के प्रदेश अध्‍यक्ष शैलेन्‍द्र, हिन्‍दू युवक सभा के प्रदेश अध्‍यक्ष सचिन, उत्‍तराखण्‍ड प्रकोष्‍ठ के जिला अध्‍यक्ष देव सिंह चौहान, अनीशा मण्‍डलए अनीता अग्रवालए बीना शर्मा, एम0 डी0 मण्‍डलए मयूर अग्रवालए अजीत सिंह, आशा रानी, जगमोहनए गिरीश कुमारए बिमला रानी के नाम शामिल हैं। रजनी सक्‍सेना के अनुसार इण्डिया गैप्‍स टुडे के संपादक श्री ओम शर्मा, आदर्श भारत टाइम्‍स के संपादक कृष्‍णा नंद भट्ट सहित अनेक पत्रकारों एवं समाज सेवकों को लाल बहादुर शास्‍त्री स्‍मृति सम्‍मान से सम्‍मानित किया जायेगा। 

हिन्दू महासभा 5 जनवरी से 12 जनवरी तक श्री भागवत ज्ञान कथा का भव्य आयोजन करेगी


      दिल्ली । हिन्दू स्वराज्य की स्थापना और विश्व शांति की कामना के लिए अखिल भारत हिन्दू महासभा दिल्ली प्रदेश बुराड़ी विधानसभा के बाबा कांलोनी बी0 ब्लाक में 5 जनवरी से 12 जनवरी 2014 तक श्री भागवत कथा ज्ञान सप्ताह का आयोजन करेगी। यह आयोजन 25 फुटा मेन मार्केट में होगा यह निर्णय प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच संपन्न बैठक में प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र  द्विवेदी प्रचार मंत्री अशोक गिरि, हिन्दू पुजारी सभा के महामंत्री सुरेश कुमार, हिन्दू महासभा बुराड़ी वार्ड के प्रभारी विरेन्द्र कुमार, कवि श्याम बनारसी  और आर्चाय राधेकृष्ण पांडे शामिल हुए।
     प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र द्धिवेदी ने बैठक में कहा कि मनुष्य धर्म से विमुख हो रहा है। जो उनकी परेशानियों का कारण है। धर्म, सत्य और न्याय का पर्याय है। समाज को धर्म से जोड़ने विश्व शांति की कामना और हिन्दू स्वराज्य की स्थापना के संदेश को जन.जन तक पहुचाने के लिए अखिल भारत हिन्दू महासभा दिल्ली में हर विधान सभा श्रीमद भागवत कथा सप्ताह का आयोजन करेगी।
    इसका आगाज बुराड़ी विधानसभा हो रही है। कथा व्यास आचार्य राधेकृष्ण पांड़े ने पाचांग देखकर 5 जनवरी  से 12 जनवरी का दिन शुभ बताया। बैठक में इसे पारित कर दिया गया। सम्पूर्ण आयोजन रविन्द्र कुमार द्धिवेदी के मार्ग दर्शन एंव विरेन्द्र कुमार के संचालन में होगा। 5 जनवरी  को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सप्ताह का आरंभ दोपहर 3 बजे होगा। 12 जनवरी को राधा जयन्ती का दिन कथा सप्ताह का अंतिम  दिन होगा। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने हिन्दू समाज से जाति और राजनीतिक विचारधारा से उपर उठकर अपनी उपसिथति का योगदान देने का आहवान किया है। 

    

आडवाणी, आर0 एस0 एस0 और विहिप पर अयोध्या में मंदिर तोड़ने की एफआर्इआर दर्ज हो- द्विवेदी

     दिल्ली अखिल भारत हिन्दू महासभा उत्तर  भारत के प्रभारी एंव फैजाबाद लोकसभा के उम्मीदवार रविन्द्र द्विवेदी   ने राष्टपति प्रणव मुखर्जी से लाल कृष्ण आडवाणी आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद पर 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में मंदिर विध्वंस की एफआर्इआर दर्ज कराने की मांग की है। रविन्द्र द्विवेदी   ने आभाटा संवाददाता से विशेष बातचीत में बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने माना है कि कारसेवको के उन्माद में अयोध्या में जो जर्जर ढांचा ध्वस्त हुआ था वो जर्जर ढांचा मस्जिद  का न होकर मंदिर का ढांचा 'गुंबद' था उस ढाचे के विध्वंस के लिए लालकृष्ण  आडवाणी के साथ आरएस एस और विहिप नेताओ की सामूहिक जिम्मेदारी बनाती है।
 
इनके खिलाफ मस्जिद का ढांचा गिराने का मामला लंबित है, जो उचित नहीं।   मस्जिद  की जगह मस्जिद  के विध्वंस का मामला दर्ज होना चाहिए। रविन्द्र द्विवेदी   ने कहा कि मंदिर का ढांचा ध्वस्त होने से पूरे हिन्दू समाज का अपमान हुआ है। इस अपमान को हिन्दू महासभा किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी। रविन्द्र द्धिवेदी ने मुसिलम समाज को चेतावनी देते हुए कहा कि ध्वंस  जर्जर ढांचा मंदिर  होने से श्री राम जन्म भूमि पर मस्जिद  का दावा स्वत: समाप्त हो जाता है। अत: मुसिलम समाज को अपना हर दावा और हर आपत्ति  वापस लेकर भव्य मनिदर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। रविन्द्र द्विवेदी   ने अपनी चेतावनी में पुन: दोहराया है कि हिन्दू महासभा श्री राम जन्मभूमि पर मस्जिद निर्माण के लिए एक ईंच जमीन नही देगी और निर्मोही अखाड़ा तथा साधू संतो के सहयोगी से भव्य मंदिर का निर्माण अवश्य होगा।  

Tuesday, September 24, 2013

नवाज शरीफ पर भरोसा आत्‍मघाती कदम

रविन्‍द्र द्विवेदी
 
 

पाकिस्‍तान में चुनाव परिणाम सारी दुनिया के सामने है। पाकिस्‍तान मुस्लिम लीग सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनकर उभरा और सत्‍ता की बागडोर इसी दल के हाथ में है। नवाज शरीफ ने पाकिस्‍तान में तीसरी बार प्रधानमंत्री पद का दायित्‍व संभाला है। नवाज शरीफ पर पाकिस्‍तानी जनता का भरोसा पाकिस्‍तान के सरपरस्‍त अमेरिका के लिये चुनौती है। इस चुनौती को अमेरिका किस रूप में लेगा, यह समय के गर्भ में है। फिलहाल पाकिस्‍तान के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है, जब लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार के हाथों से लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित राजनीतिक दल को सत्‍ता हस्‍तांतरण हुआ। यह भी पहली बार हुआ कि पाकिस्‍तान में किसी निर्वाचित सरकार ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। इससे पहले पाकिस्‍तान में निर्वाचित लोकतांत्रिक सरकार को वहां के सैन्‍य अधिकारी अपदस्‍थ कर तानाशाही शासन चलाते रहते हैं। अन्तिम बार सन् 1999 में नवाज शरीफ की निर्वाचित लोकतांत्रिक सरकार को फौजी जनरल परवेज मुशर्रफ ने सत्‍ता से बेदखल कर खुद को देश का राष्‍ट्रपति घोषित कर दिया था। पाकिस्‍तानी जनता ने नवाज शरीफ को पुन: सत्‍ता की चाबी सौंपकर स्‍पष्‍ट संदेश दिया कि शासन की इसी लोकतांत्रिक प्रणाली से पाकिस्‍तान का उत्‍थान और विकास संभव है। पाकिस्‍तान की जनता ने तालिबानी आतंकवादियों की धमकियों और बम विस्‍फोटों से भयभीत हुये बिना जिस तरह बैलेट से बुलेट का जवाब दिया, वो उनके साहस का ज्‍वलन्‍त प्रमाण है। पाकिस्‍तान की जनता को हार्दिक बधाई। पाकिस्‍तान में लोकतंत्र की मजबूती अमेरिका के लिये चुनौती दो कारणों से है। पहला कारण यह कि सत्‍ता से सेना को बेदखल किये जाने से पूर्व अपने देश के प्रधानमंत्री की हैसियत से  नवाज शरीफ अमेरिका की यात्रा पर गये थे तो वहां के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन ने व्‍हाइट हाउस में उनसे आधिकारिक मुलाकात करना नहीं समझा था। नवाज शरीफ को अपना अपमान आज भी याद होगा और निश्चित रूप से वो अपने अपमान का अमेरिका से बदला लेने की ख्‍वाहिश रखते होंगे। इस तथ्‍य को अमेरिका भी भलीभांतति समझ रहा है। दूसरा कारण निवर्तमान पाकिस्‍तार सरकार (पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी) के कार्यकाल में जिस तरह पाकिस्‍तान पर अमेरिका का प्रभुत्‍व स्‍थापित हुआ, पाकिस्‍तान की जनता उससे  बेहद नाराज थी। यह नाराजगी ही पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी को सत्‍ता से बेदखल करने का असली कारण बनीं। भ्रष्‍टाचार व अन्‍य मुद्दों को पी.पी.पी. सरकार के पतन में महत्‍वपूर्ण कारक माना गया। नवाज शरीफ की सत्‍ता में वापसी की चुनौती में निपटाना अमेरिका के लिये आसान नही होगा।  
 

  पाकिस्‍तान में नवाज शरीफ की वापसी का भारत सरकार ने स्‍वागत किया है। स्‍वागत करना गलत नही है, किन्‍तु नवाज शरीफ पर आंख मूंदकर विश्‍वास करना अपने आपको और राष्‍ट्र को भ्रमित करना है। भारत सरकार ने जिस तत्‍परता से नवाज शरीफ को भारत आने का न्‍यौता दिया, उससे मैं तनिक भी सहमत नही हूं। जो भी भारतीय नागरिक अपना और अपने राष्‍ट्र का हित चाहता है, उसे भी भारत सरकार के इस निर्णय से सहमत नही होना चाहिये। ये वही नवाज शरीफ हैं, जिनके शासन में हमें कारगिल युद्ध का घाव  मिला। ये वही नवाज शरीफ हैं, जिनके कार्यकाल में भारत के तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर यात्रा के बाद वहां की   मीनार-ए-पाकिस्‍तान को पानी से धोया गया, जो भारत के प्रधानमंत्री का सरासर अपमान था। ये वही नवाज शरीफ हैं, जिन्‍होंने कश्‍मीर समस्‍या पर हमेशा विवाद पैदा कर भारत-पाक शान्ति वार्ता को  कभी परवान नही चढ़ने दिया। नवाज शरीफ भारत के शत्रु राष्‍ट्र के प्रधानमंत्री बनें हैं। उन्‍हें भारत में आमंत्रित करने का भारत सरकार का निर्णय राष्‍ट्र के समस्‍त राष्‍ट्रवादी नागरिकों की मूल भावना के विरूद्ध है। हाल ही में पाकिस्‍तान की जेल में भारतीय कैदी सरबजीत की नृशंस हत्‍या जम्‍मू कश्‍मीर में आतंकवादी हमले में पांच भारतीय जवानों की शहादत, चमेल सिंह छत-विछत शव, जनवरी 2013 में पाकिस्‍तान सैनिकों द्वारा दो भारतीय सैनिकों का गला काटना और एक का गर्दन अपने साथ ले जाना, हैदराबाद बम विस्‍फोट और पाकिस्‍तान के गृहमंत्री का भारत यात्रा पर अयोध्‍या में कथित ढांचे के विध्‍वंश को आतंकी कार्यवाही बताना साबित करता है कि पाकिस्‍तान भरोसे के काबिल नही है। जिस पर भरोसा न हो, उसे अतिथि बनाकर अपने देश में बुलाना किसी भी दृष्टिकोंण से सही कदम नही कहा जा सकता। क्‍या भारत सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचारकर नवाज शरीफ को दिया गया निमंत्रण वापस लेने का साहस दिखायेगी? संभवत: नहीं।
 

    दरअसल दोनों देशों के अंतर्गत पिछले छह माह में घटी तमाम राजनीतिक और कूटनीतिक घटनायें सत्‍ता पर अपना प्रभुत्‍व स्‍थापित करने की कवायद से प्रेरितरही हैं। पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी के शासन में भारतीय सैनिकों का सिर काटा जाना, हैदराबाद में बम विस्‍फोट, जम्‍मू कश्‍मीर में पांच भारतीय सैनिकों की हत्‍या और लखपत जेल में भारतीय कैदी बेगुनाह सरबजीत की हत्‍या, वहां के कट्टरपंथी ताकतों के इशारे पर घटित घटनायें हैं, जिसका मकसद पाकिस्‍तान की जनता को दर्शाना था कि पाकिस्‍तान की सियासत आज भी भारत विरोध की नींव पर टिकी है। भारत विरोध की इसी ताकत पर पी.पी.पी. ने सत्‍ता में वापसी का सपना देखा, जो चूर-चूर हो गया। पी.पी.पी. की पराजय यह तो सिद्ध करती है कि पाकिस्‍तान की जनता अब कट्टरपंथी ताकतों से मुक्ति चाहती है किंतु नवाज शरीफ कट्टरपंथियों के सामने नतमस्‍तक नही होंगे, इसकी कोयी गारंटी नही है। हालांकि नवाज शरीफ का भरसक प्रयास है कि वो दुनिया के सामने कट्टरपंथ से मुक्‍त अपना चरमपंथी चेहरा प्रस्‍तुत करें, दुनिया की वाहवायी लूट सकें। इस प्रयास में सच्‍चाई बहुत कम और दिखावा बहुत ज्‍यादा है, विशेषकर भारत राष्‍ट्र के संदर्भ में। भारत के संदर्भ में नवाज शरीफ को अभी अनेक अग्नि परिक्षाओं से गुजरना होगा। कश्‍मीर समस्‍या पर अपना पुराना नजरिया छोड़कर पाक अधिकृत कश्‍मीर को बिना शर्त भारत को सौंप भारत में मोस्‍ट वांटेड दुर्दांत आतंकवादी हाफिज सईद (26/11  मुंबई पर आतंकवादी  हमले का मास्‍टर माइंड) सहित अन्‍य प्रमुख आतंकवादियों को भारत को बिना शर्त सौंपना, पाकिस्‍तान की सरजमीं से आतंकवाद के प्रशिक्षण शिविरों को ध्‍वस्‍त करना और भारत विरोधी सुर पर हमेंशा के लिये लगाम लगाना नवाज शरीफ के लिये सबसे कठिन इतिहास है। हम जानते हैं कि नवाज शरीफ इस इम्तिहान को पास करने में जरा भी रूचि नही दिखायेंगे।
 
 
 वो जानते हैं कि ऐसा करने पर कट्टरपंथियों द्वारा उनकी हत्‍या की जा सकती है। पाकिस्‍तान का जन्‍म ही सांप्रदायिकता की नींव पर हुआ था। पाकिस्‍तान इस्‍लामिक राष्‍ट्र है। इस्‍लाम में गैर इस्‍लामियों से तब तक लड़ते रहने का हुक्‍म है, जब तक वो इस्‍लाम पर अपना ईमान न कबूल  कर ले। जो कबूल नही करता उसे हलाल (हत्‍या) करने वालों को खुदा की जन्‍नत में जगह मिलने का पैगाम इस्‍लाम का एक अमानवीय और क्रूर चेहरा है। इसी विचारधारासे प्रेरित पाकिस्‍तान  अपने वजूद में  आनें से लेकर आज तक भारत को इस्‍लाम के अधीन करने का असफल प्रयास करता रहा है। नि:संदेह नवाज शरीफ भी इसी परंपरा को आगे बढ़ायेंगे। भारत द्वारा समझौता एक्‍सप्रेस ट्रेन और अमन-ए-कारवां बस सेवा का परिचालन तथा लाहौर समझौता का सिलसिला तत्‍कालीन नवाज शरीफ सरकार ने हमें कारगिल युद्ध के रूप में दिया। भले ही कारगिल युद्ध तत्‍कालीन फौजी जनरल परवेज मुशर्रफ की देन बताने का प्रयास किया जाता है किंतु अपने देश का प्रधानमंत्री होने के नाते नवाज शरीफ को उनकी जवाबदेही से मुक्‍त नही किया जा सकता। अतीत में भारत के  साथ विश्‍वासघात करने और भारत की पीठ में छुरा भोंकने की हिमाकत करने वाले नवाज शरीफ को भारत आने का न्‍यौता देने में भारत सरकार ने जल्‍दबाजी दिखलायी, उसका  हमें निकट भविष्‍य में भारी खामियाजा भुगतने के लिये तैयार रहना होगा।
 

    जब-जब पाकिस्‍तान सरकार का कोई नुमाइन्‍दा भारत दौरे पर आया है, उसके तत्‍काल  बाद भारत विरोधी गतिविधियां उसके माध्‍यम से तेज हुयी हैं। बेकसूर नागरिकों व सैनिकों को बेवजह शहीद होना पड़ा है। भारत सरकार का नवाज शरीफ को न्‍यौता देना पाकिस्‍तान की शह पर एक और भारत विरोधी घटना घटने की संभावना का संकेत दे रहा है। मेरे ख्‍याल से नवाज शरीफ को भारत बुलाना अपने पैरों पर कुल्‍हाड़ी मारना  है। भले ही भारत के राजनीतिक और कूटनीतिक क्षेत्रों में नवाज शरीफ को न्‍यौता भारत की सहृदयता का प्रतीक बन रहा है, किंतु हमारा अतीत हमारी सहृदयता और सद्भावना के बदले धोखा मिलने  की दासतां से भरा पड़ा  है। हमें पाकिस्‍तान  से मित्रता नही, हमारे शहीद हुये सैनिकों और मारे गये बेकसूर नागरिकों का हिसाब चाहिये। जब तक नवाज शरीफ पाक अधिकृत कश्‍मीर, मोस्‍ट  वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद और दाउद इब्राहिम  को भारत के हवाले नही करता, हमें नवाज शरीफ पर किसी  भी कीमत पर भरोसा नही करना चाहिये। लेकिन भारत सरकार भरोसा कर रही है। नवाज शरीफ के नापाक कदमों से पवित्र भारत भूमि को अपवित्र करने और राष्‍ट्र की एकता-अखण्‍डता और नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालने की कवायद मात्र इसलिये हो रही है, ताकि भारत के मुसलमान को खुश किया जा सके। भारतीय मुसलमानों को खुश करने का मकसद उनके वोट हासिल करने से अधिक कुछ भी नही है। मुस्लिम तुष्‍टीकरण की ऐसी ही नीतियों से देश का बंटाधार किया जा रहा है। हम मुस्लिम विरोधी नही हैं लेकिन वोट हासिल करने के भारत सरकार को आत्‍मघाती कदम उठाने की इजाजत नही दी जा सकती। अखिल भारत हिन्‍दू महासभा नवाज शरीफ की भारत यात्रा का पुरजोर  विरोध करती है। नवाज  शरीफ  ने भारत की धरती पर कदम रखा तो अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के कार्यकर्ता उन्‍हें काले झंडे दिखाकर उल्‍टे पैर पाकिस्‍तान लौटने की मांग करेंगे। 

Saturday, September 21, 2013

हिन्‍दू महासभा भगत सिंह के जन्‍म दिवस पर संत नगर में नुक्‍कड़ सभा करेगी

नई दिल्‍ली। अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के दिल्‍ली प्रदेश के अध्‍यक्ष रविन्‍द्र द्विवेदी के नेतृत्‍व में 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह का जन्‍म दिवस मनाया जायेगा। जन्‍म दिवस पर संत नगर में रोड, बस स्‍टैण्‍ड पर नुक्‍कड़ सभा का आयोजन किया जायेगा। नुक्‍कड़ सभा के माध्‍यम से शहीद भगत सिंह के सपनों के भारत का निर्माण करने का संकल्‍प लिया जायेगा। रविन्‍द्र द्विवेदी ने कहा कि भगत सिंह की शहादत हर भारतवासी के लिये प्रेरणादायक है। शहीदों के भारत का निर्माण आज तक नही हो सका। हिन्‍दू महासभा भगत सिंह के सपनों के भारत के निर्माण के साथ सरकारी रिकार्ड में भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिलवाने के लिये संघर्ष करेगा।
नुक्‍कड़ सभा में हिन्‍दू स्‍वराज्‍य सेना, राष्‍ट्र र‍क्षा वाहिनी, श्रीरामाधार फाउंडेशन, आपकी आवाज और सामूहिक प्रयास समिति के कार्यकर्ता शामिल होंगे। 

शहीद भगत सिंह जनयन्‍ती समारोह 28 सितम्‍बर को सन्‍त नगर में मनेगा

    अखिल भारत हिन्‍दू महासभा दिल्‍ली प्रदेश अध्‍यक्ष रविन्‍द्र द्विवेदी की अध्‍यक्षता में सम्‍पन्‍न बैठक में 28 सितंबर को शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्‍म दिवस राष्‍ट्र रक्षा संकल्‍प दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। संकल्‍प दिवस समारोह बुराड़ी विधानसभा के सन्‍त नगर बस स्‍टैण्‍ड पर आयोजित होगा। शहीद भगत सिंह के पौत्र यादवेन्‍द्र सन्‍धु समारोह में मुख्‍य अतिथि होंगे।
    बैठक को संबोधित करते हुये प्रदेश अध्‍यक्ष रविन्‍द्र द्विवेदी ने कहा कि भगत सिंह के क्रांति के ज्‍वाला से उत्‍पन्‍न प्रचण्‍ड आवेग से देश को स्‍वतंत्रता मिली, लेकिन भगत सिंह को शहीद का दर्जा आज तक नहीं मिला। इसके लिये देश का सेक्‍युलरिज्‍म और कांग्रेस जिम्‍मेदार है। समारोह में देशभक्‍तों को शहीद भगत सिंह सम्‍मान से सम्‍मानित किया जायेगा।  
    बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार समारोह में  जाने माने समाज सेवक सुरेन्‍द्र रौतेला, हिन्‍दू स्‍वराज्‍य सेना के कार्यकारी अध्‍यक्ष रविन्‍द्र भाटी, हिन्‍दू युनाइटेड मोर्चा के अध्‍यक्ष सुशील मिश्र, उत्‍तराखडण्‍ड हिन्‍दू महासभा के जिला अध्‍यक्ष  देव सिंह चौहान, विधि परामर्शदाता अधिवक्‍ता संजया शर्मा सहित अनेंक वक्‍ताओं को आमंत्रित किया गया है।
     समारोह में मंच संचालन का दायित्‍व हिन्‍दू महिला सभा बुराड़ी विधानसभा की अध्‍यक्षा श्रीमती रीना गांधी को सौंपा गया है।




















हिन्‍दू महासभा में भावी प्रधानमंत्री के लिये रविन्‍द्र द्विवेदी के नाम पर स्‍वीकृति

       नई दिल्‍ली। अखिल भारत हिन्‍दू महासभा दिल्‍ली प्रदेश के कार्यकारी अध्‍यक्ष अधिवक्‍ता सुशील मिश्र ने 8 सितंबर को जंतर मंतर पर संस्‍कृत, संस्‍कृति और गौ रक्षा पर आरंभ हुये धर्म युद्ध को संबोधित करते हुये कहा कि देश का अगला प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी में से कोई नही बनेगा। सन् 2014 के चुनाव में हिन्‍दू महासभा अपनी सरकार बनाने जा रही है। धर्मयुद्ध का नेतृत्‍व कर रहे रविन्‍द्र द्विवेदी देश का अगला प्रधानमंत्री बनेगा । रविन्‍द्र द्विवेदी को देश का अगला प्रधानमंत्री मानने वालों की संख्‍या में लगातार इजाफा हो रहा है।
 
सुशील मिश्र से पहले अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ने 11 अगस्‍त को पूर्व राष्‍ट्रपति डा0 वी0 वी0 गिरि जयंती समारोह में रविन्‍द्र द्विवेदी को देश का अगला प्रधानमंत्री घोषित किया था। फेसबुक पर भी रविन्‍द्र द्विवेदी का नाम भावी प्रधानमंत्री के रूप में चर्चित हो रहा है। सुशील मिश्रा और अधिवक्‍ता संजया शर्मा ने वाकायदा फेसबुक पर अभियान चलाया है जिसमें रविन्‍द्र द्विवेदी को पसंद करने वालों से लाइक और शेयर करने तथा पसंद न करने वालों से कमेंट मांगा है।
    उत्‍तर प्रदेश के आगरा जनपद में रहने वाले वरिष्‍ठ हिन्‍दू महासभाई और जाने माने हिन्‍दू लेखक तुलसी दास चांदना ने फेसबुक पर भावी प्रधानमंत्री के रूप में स्‍वीकृति प्रदान की है। फेसबुक पर रविन्‍द्र द्विवेदी भावी प्रधानमंत्री के रूप में  लाइक करने वालों की संख्‍या बढ़ रही है जो रविन्‍द्र द्विवेदी ने नेतृत्‍व और हिन्‍दू  राजनीति और बढ़ते कदमों का प्रतीक है। रविन्‍द्र द्विवेदी के एक समर्थक हिमांशु सिंह ने टिप्‍पणी की ‘’हमारा एक ही नारा है, हिन्‍दू को बचाना है, रविन्‍द्र द्विवेदी को प्रधानमंत्री बनाना है, जय हिन्‍दू राष्‍ट्र’’