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Thursday, October 20, 2011

पुलिस ने युवकों को थाने में नंगा करके पीटा



उ0प्र0 पुलिस का खौफनाक चेहरा उजागर हुआरामाधार फाउण्डेशन के संस्थापक, न्यासी रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने रामदयालगंज बाजार, जौनपुर के निवासी हरीश चन्द्र जायसवाल पुत्र श्री स्व0 गौरीशंकर जायसवाल के पुत्र आशीष जायसवाल व सतीश को थाने में नंगाकर पिटायी करने की बर्बर कुकृत्य की घोर निंदा की है। रामाधार फाउण्डेशन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर थाना लाइन बाजार, जौनपुर के दोषी पुलिस कर्मियों सब इंस्पेक्टर मदन मोहन राय व सिपाही देवेन्द्र यादव को तुरंत बर्खास्त कर देने की मांग की है। ज्ञात रहे कि 13 अक्टूबर 2011 की रात लगभग दो बजे अपने घर में सो रहे हरीशचन्द्र जायसवाल को किसी की आहट महसूस हुई। वो किसी चोर की आशंका से टोह लेने के इरादे से अपने बेटे आशीष और सतीश के साथ घर से बाहर निकले। बाहर निकलने पर तीनों पुत्र-पिता ने वहां पर अपने पड़ोसी महेश जायसवाल और दिनेश जायसवाल को देखा। महेश और दिनेश ने तीनों पिता और पुत्र को देखकर अचानक मार दिया, मार दिया का शोर मचाना शुरु कर दिया और पुलिस बुला ली। आनन-फानन में वहां पहुंचे सब इंसपेक्टर मदन मोहन राय और सिपाही देवेन्द्र यादव पांचों को थाना लाइन बाजार ले गये।
थानें में दोनों पुलिस कर्मियों ने आशीष और सतीश के दोनों हांथ ऊपर कराकर बांध दिया। सब इंसपेक्टर मदन मोहन राय ने कहा मारो साले माधरचोदों (मां की गंदी गाली) को। सिपाही देवेन्द्र यादव ने कहा कि मेरा चेहरा अच्छी तरह देख लो जीवन में कभी भूलेगा नही। फिर दोनों ने आशीष और सतीश को नंगा कर थाने के अंदर ही बर्बरता पूर्वक पिटाई की। द्विवेदी ने आगे कहा कि दोनों पुलिस कर्मियों ने जो घृणित, बर्बरतापूर्ण व अमानवीय कार्य किया है, उसकी पूरे देश में भर्त्सना की जानी चाहिये। ऐसे पुलिस कर्मियों को सेवा में रहने का कोई हक नही है।
श्री द्विवेदी ने राष्ट्रपति, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के डीजीपी, जौनपुर के डीएम और एसपी को भी ईमेल से सारे घटना की जानकारी दे दी है। उन्होने कहा कि यदि 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नही की गयी तो रामाधार फाउण्डेशन जिला-जौनपुर थाना-लाईन बाजार के दोषी पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने के लिये जौनपुर पुलिस प्रशासन के खिलाफ आंदोलन चलायेगी। उन्होने आगे कहा कि आशीष और सतीश की निर्ममता से नग्न करके पिटायी करने का पुलिस का कोई औचित्य नही है। यह थर्ड डिग्री की श्रेणी में एकपक्षीय कार्रवाई नजर आती है। थाने के पुलिस ने निर्ममतापूर्वक पिटायी का एफआईआर भी दर्ज नही किया और न ही मेडिकल करवाया। इससे पुलिस के गंदे इरादे स्पष्ट होते हैं।
श्री द्विवेदी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में हरीशचंद्र जायसवाल के पड़ोसी महेश की गिरफ्तारी की मांग की है। ज्ञात रहे कि जमानत मिलने के बाद महेश और दिनेश हरीशचंद्र जायवाल के बेटों आशीष और सतीश को धमकी दे रहे हैं कि उन्होंने पैसे की ताकत पर सब इंसपेक्टर और सिपाही देवेंद्र यादव को अपने साथ मिलाकर उनकी थाने में पिटायी करवायी और आगे भी ऐसा होता रहेगा।हरीशचंद्र जायसवाल का पड़ोसी महेश बार-बार धमका रहा है कि मेरी पहुंच मायावती मुख्यमंत्री व बड़े-बड़े मंत्रियों तक है मैं कुछ भी करवा सकता हूं। पिता हरीशचंद्र जायसवाल का आरोप है कि उनके दोनों बेटों को फिर से पुलिस की मिली भगत से जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
श्री द्विवेदी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह बता दिया है कि उपरोक्त परिस्थितियों से हरीशचंद्र जायसवाल मानसिक रूप से अत्यंत व्यथित है। हालात यहां तक आ गयी है कि वे आत्महत्या के कगार पर पहुंच गये हैं। द्विवेदी ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो उसके लिये थाना लाइन बाजार की पुलिस जिम्मेदार होगी।
श्री द्विवेदी ने धमकी देने वाले पुलिस को भी बर्खास्त करने की मांग की है। ज्ञात रहे कि पुलिस वाले हरीचंद्र को धमका रहे हैं कि थाने में उनके बेटों की नंगा करके पिटायी के मामले पर यदि कहीं मुंह खोला तो उनको व उनके बेटे को ऐसे फर्जी जुल्म में फंसाया जायेगा कि उनकी व उनके बेटों की जमानत तक नही होगी। पूरी उम्र जेल में ही काटनी पड़ेगी।
श्रीरामाधार फाउण्डेशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर निम्नलिखित मांग की है:-
1) आशीष और सतीश को नग्न करके पीटने जैसी अमानवीय अत्याचार और पुलिस उतपीड़न की घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाये।
2) पुलिस की महेश और दिनेश के साथ पैसे के बल पर मिली भगत के आरोप की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाये।
3) जान से मारने की धमकी देने के आरोप में महेश और दिनेश पर समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाये।
4) अमानवीय अत्याचार और पुलिस उत्पीड़न के आरोप की जांच पूरी होने तक सब इंस्पेक्टर मदन मोहन राय और सिपाही देवेन्‍द्र यादव को निलंबित किया जाये।
5) हरीश चंद्र जायसवाल की एक लाइसेंसी बंदूक है जिसे पुलिस ने धमकाकर जमा करवा लिया है, पुलिस ने धमकी दी कि यदि जमा नही करोगे तो चालान करके जब्त कर लिया जायेगा। अतः हरीश चंद्र जायसवाल की बंदूक को तुरंत वापस दिलवायी जाये। वो लाइसेंसी बंदूक उनकी व उनके परिवार की आत्मरक्षा के लिये है। महेश और दिनेश से उनके परिवार को जान को खतरा है।

Thursday, July 7, 2011

हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का नोटिस

अखिल भारत हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का 4/07/2011 का भेजा नोटिस मिला है। जिसमें डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का पत्र मिलने के बाद एक सप्ताह के अंदर कमला नगर थाने में उपस्थित होने को कहा गया है।
पत्र में दिल्ली पुलिस ने लिखा है कि आप का संबंध योग गुरू बाबा रामदेव के आंदोलन से था जिसमें आपकी संलिप्तता घटना वाले दिन रामलील मैदान में 4,5/06/2011 से है।

हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का नोटिस

अखिल भारत हिन्दू महासभा के स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का 4/07/2011 का भेजा नोटिस मिला है। जिसमें डॉ0 संतोष राय को दिल्ली पुलिस का पत्र मिलने के बाद एक सप्ताह के अंदर कमला नगर थाने में उपस्थित होने को कहा गया है।
पत्र में दिल्ली पुलिस ने लिखा है कि आप का संबंध योग गुरू बाबा रामदेव के आंदोलन से था जिसमें आपकी संलिप्तता घटना वाले दिन रामलील मैदान में 4,5/06/2011 से है।

Thursday, June 9, 2011

सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा विधेयक राष्‍ट्रविरोधी शक्तियों ने तैयार किया-डॉ0 संतोष राय


बाबा के सेना गठन का हिन्‍दू महासभा ने स्‍वागत किया


अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बाबा पंडित नंद किशोर मिश्र ने यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुये कहा कि जिस राष्ट्र की संस्कृति का बीजमंत्र ‘‘यत्र नारियस्तु पूज्यंते तत्र रमते देवता’’ हो उस देश में आधी रात के बाद रामलीला मैदान में बाबा श्रीरामदेव जी के आमरण अनशन के समर्थन में भाग लेने वाले निद्रा निमग्न माताओं, बहनों, बालकों, वृद्धों एवं अपंगों पर पुलिस का हिंसक आक्रमण, कांग्रेस शासन द्वारा हिन्दुओं का क्रूरतम दमन एवम् लोकतंत्र की हत्या है। परंतु कांग्रेस यह भूल गयी है कि-
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥७॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥८॥
श्रीमद्भगवद्गीताए अध्याय ४

इस हिन्दू भूमि पर जब जब ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हुयी हैं तब-तब धर्म रक्षक वीरों का प्रार्दुभाव हुआ है। वीरों की जननी इस धरा पर अधर्म का नाश करने के लिये वीर शिरोमणियों की श्रृंखला अनवरत चलती रही है। हिन्दू महासभा इन्ही परम् वीर बलिदानियों की धरोहर है जो स्वातंत्र्य वीर सावरकर, अमर हुतात्मा पंडित नाथू राम गोडसे, मदन लाल ढींगरा, उधम सिंह, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद, भाई बाल मुकंद, जैसे महान् विभूतियों की मातृ संस्था रही है। जब भी लोकतंत्र की हत्या हुयी है जनता के अधिकारों को क्रूरता पूर्वक दबाने का प्रयास हुआ है, नारी शक्ति का अपमान हुआ है, अबोध बालकों, अपंगो, वृद्धों पर प्रहार हुआ है हिन्दू महासभा ने इसका तीव्र प्रतिकार किया है।
चार जून की अर्ध रात्रि से लेकर पांच जून के प्रातःकाल तक ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सोनिया निर्देशित भ्रष्टतम सरकार द्वारा जो क्रूरता एवं हिन्दू विरोध का नग्न ताण्डव किया गया, उसका अखिल भारत हिन्दू महासभा घोर निंदा करती है।
बाबा श्री नन्द किशोर जी ने स्वातंत्र्य वीर सावरकर द्वारा प्रतिपादित ‘‘हिन्दुओं के सैनिकीकरण तथा राजनीति के हिन्दूकरण’’ के सिद्धांत के अनुरूप बाबा श्री रामदेव जी द्वारा ग्यारह हजार सशस्त्र स्वयं सेवकों के गठन का हार्दिक स्वागत एवं हिन्दू महासभा की ओर से समर्थन किया है। गांधीवादी नपुंसकता के सिद्धांत को मानने वाले कांग्रेसी राजनीतिज्ञों द्वारा हिन्दुओं पर क्रूरतम प्रहार एवं हिन्दू संत महात्माओं के हत्या के प्रयास की हिन्दू महासभा तीव्र भर्त्सना करती है।
‘‘इन्द्रप्रस्थ के राजभवन में, जाने कैसे मंत्र चले, हार गये हैं धर्मपुत्र जब शकुनि के षड्यंत्र चले। दुर्योधनी कुचालों वाला हुआ शुरू अभियान यहां, धर्मक्षेत्र अब कुरूक्षेत्र बनेगा पूरा हिन्दुस्थान यहां।’’
जिस बाबा रामदेव के स्वागत में प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर चार-चार मंत्रियों ने एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी की हो जबकि दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष के आगमन पर सिर्फ एक राज्यमंत्री को स्वागत के लिये भेजा जाता है फिर अंधेरी रात में बाबा को ठग की संज्ञा प्रदान की जाती है, वे कांग्रेसी परिभाषा से अपराधी हो जाते हैं, राष्ट्रद्रोही हो जाते हैं यह संपूर्ण राष्ट्र एवं विश्व के समझ से परे है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके नेतृत्व द्वारा किया गया लोकतंत्र, मानवता एवं मानवाधिकार का हनन समस्त मर्यादाओं से परे है।
संपूर्ण राष्ट्र यह जानना चाहता है कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि सरकार को ऐसे बर्बर एवं जघन्य कदम उठाने पड़े? इस आशय की निष्पक्ष जांच तब हो सकती है जब इस सरकार को निलंबित कर तत्काल न्यायिक जांच करायी जाये और राष्ट्र में जब तक भ्रष्टाचार मुक्त सरकार नही हो जाती है तब तक राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये।
अखिल भारत हिन्दू महासभा स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ0 संतोष राय ने कहा कि सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा विधेयक का प्रारूप सांप्रदायिक एवं राष्ट्र विरोधी शक्तियों के द्वारा तैयार किया गया है। अतः यह विधेयक भारत के दुर्भाग्य का कारण बनेगा। इसका उदाहरण आपके सामने है, स्वतंत्रता से पूर्व इंग्लैन्ड की महारानी विक्टोरिया ने हम पर कम्युनल एवार्ड सौंपा था जिसे कांग्रेस एवं गांधी ने स्वीकार किया था जिसका दुष्परिणाम भारत का सांप्रदायिक विभाजन और कत्लेआम में परिणित हुआ। आज यह विधेयक कम्युनल एवार्ड का दूसरा प्रारूप है। हिन्दू महासभा घोषणा करती है कि यह विधेयक किसी भी रूप में पास नही होने देंगे। यह बिल अपने आपमें घोर हिन्दू विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी है।
अखिल भारत हिन्दू महासभा के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक डॉ0 राकेश रंजन ने बताया कि विश्व के 73 देशों में बाबा रामदेव के कालेधन के खिलाफ आंदोलन को अभूतपूर्व समर्थन मिला तथा संपूर्ण विश्व शिविर अमानवीय आक्रमण से आहत है।

Friday, March 18, 2011

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: जिहाद का जवाब धर्मयुद्ध

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: जिहाद का जवाब धर्मयुद्ध: " B.N. Sharma         Represent: Dr. Santosh Rai  जिहाद शब्द का जन्म इस्लाम के जन्म के..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: मुसलमान :राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: मुसलमान :राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान: "B.N. Shrama                  Represent: Dr. Santosh Rai..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: सम्भोग से कुरआन !

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: सम्भोग से कुरआन !: "B.N. Sharma        Represent: Dr. Santosh Rai http://bhandafodu.blogspot.com/2011/01/blog-post_24.html क..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: हिन्दू मिटाओ- हिन्दू भगाओ अभियान

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: हिन्दू मिटाओ- हिन्दू भगाओ अभियान: "http://jagohondujago.blogspot.com/2010/07/blog-post.html हिन्दू मिटाओ- हिन्दू भगाओ अभियान 1985 में अलकायदा की स्थापना ने बाद बाकी सारी दुन..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: Flag this messagelawmakers demand action against H...

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: Flag this messagelawmakers demand action against H...: "(Photo : Hindu Parliamentarian from PPP  Mr.Lal Chand Hokrani, Pakistan) Represent: Dr. Santosh Rai Pakistani parliamentarians f..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: महिला के लापता होने की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिये...

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: महिला के लापता होने की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिये...: "  अखिल भारत हिन्दू महासभा स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ. संतोष राय ने कहा कि राहुल गांधी से मिलने वाली महिला सुकन्या का गायब होने से संबं..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: मुस्लिम जनसंख्या बढ़ने से होने वाले दुष्परिणाम

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: मुस्लिम जनसंख्या बढ़ने से होने वाले दुष्परिणाम: "जमात-ए-इस्लामी के संस्थापक मौलाना मौदूदी कहते हैं कि कुरान के अनुसार विश्व दो भागों में बँटा हुआ है, एक वह जो अल्लाह की तरफ़ हैं और दूसरा वे..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: नालायक लालू

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: नालायक लालू: "अखिल भारत हिन्दू महासभा के चुनाव स्वागत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 संतोष राय, वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता नंद किशोर मिश्रा व दिल्ली प्रदेश कार..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: विश्व में हिन्दू देश एक अथवा दो नहीं वरन १३

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: विश्व में हिन्दू देश एक अथवा दो नहीं वरन १३: "    जब लोग कहते हैं कि विश्व में केवल एक ही हिन्दू देश है तो यह पूरी तरह गलत है यह बात केवल वे ही कह सकते हैं जो हिन्दू की प..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: मूर्ति लगाने के लिये संसद में जगह नहीं है

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: मूर्ति लगाने के लिये संसद में जगह नहीं है: "संसद में पंडित नाथू राम गोडसे की मूर्ति लगाने के लिये जगह नहीं है। ज्ञात रहे कि 2/02/2011 को हिन्दू महासभा के रिसेप्शन कमेटी के अध्यक्ष डाॅ..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: हिंदूं कालगणना

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: हिंदूं कालगणना: "डॉ. संतोष राय १५ निमेष = १ काष्ठा ३० काष्ठा = १ कला ३० कला = १ मुहूर्त ३० मुहूर्त = १ दिन- रात (दिवस) १५ दिन- रात = १ पक्ष २ पक्ष = १..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: राहुल गांधी ने किया बलात्कार, मामले को दबा रही है ...

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: राहुल गांधी ने किया बलात्कार, मामले को दबा रही है ...: "Source:visfot.com राहुल गांधी और उनके छह दोस्तों ने 3 दिसंबर 2006 की रात अमेठी के एक गेस्ट हाउस में 24 वर्षीय सुकन्या देवी के साथ बारी बारी ..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: राहुल गांधी ने किया बलात्कार, मामले को दबा रही है ...

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Akhil Bharat Hindu Mahasabha: दशोपदेश

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: दशोपदेश: "बी.एन. शर्मा                   प्रस्तुति: डॉ. संत..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: राहुल गाँधी का ज्ञान, मार्केटिंग और राजनीती का फंड...

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: राहुल गाँधी का ज्ञान, मार्केटिंग और राजनीती का फंड...: "सुरेश चिपलूनकर   मार्केटिंग मैनेजमेण्ट के कुछ खास सिद्धान्त होते हैं, जिनके द्वारा जब किसी प्रोडक्ट की लॉंचिंग की जाती है तब उन्हें आ..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: डीएनए जांच से बेदाग साबित करें अपनें आपको राहुल-डॉ...

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: डीएनए जांच से बेदाग साबित करें अपनें आपको राहुल-डॉ...: "डीएनए जांच से बेदाग साबित करें अपनें आपको राहुल-डॉ.  संतोष राय अखिल भारत हिन्दू महासभा के रिसेप्शन कमेटी के अध्यक्ष डॉ.  संतोष राय..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: कश्मीरी पंडितों पर यह अत्याचार नहीं तो क्या है

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: कश्मीरी पंडितों पर यह अत्याचार नहीं तो क्या है: "तरूण विजयविमला रैना 10 साल की थी जब श्रीनगर की रैनाबाड़ी में उसका परिवार उजड़कर जम्मू पहुंचा था। माता-पिता, दो भाई और वह खुद। बमुश्किल जम्मू ..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: Rahul is Rapist????

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: Rahul is Rapist????: " ऋतु चटर्जी                    &nb..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: Mugal Attayachar

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Akhil Bharat Hindu Mahasabha: इस्‍लाम का संदेश आतंक मचाओ हूर मिलेगी

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: इस्‍लाम का संदेश आतंक मचाओ हूर मिलेगी: "  Represent: Dr. Santosh Rai इस्‍लाम का उदृदेश्य आतंक और सेक्स है यह मेरा कहना नही है किन्‍तु जब इस्‍लाम से सम्‍बन्धित ग्रंथो का आध्‍यय..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: Migration of Hindu Ex-lawmaker to India, exposes I...

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: Migration of Hindu Ex-lawmaker to India, exposes I...: "                       &..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: Hindu Bonded labours, kidnappings and Private Jail...

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: Hindu Bonded labours, kidnappings and Private Jail...: "Represent: Dr. Santos Rai Karachi : There are hundreds of private jails in Sindh, Pakistan, which were built by landlords with help of loc..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: After Hindus now Parsi woman is abducted in Baloch...

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: After Hindus now Parsi woman is abducted in Baloch...: "Represent: Dr. Santosh Rai  (Photo : Map of Balochistan, Which is the largest province (by area) of Pakistan, constituting approximate..."

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: सोनिया सरकार साध्वी प्रज्ञा को मरवा डालना चाहती है...

Akhil Bharat Hindu Mahasabha: सोनिया सरकार साध्वी प्रज्ञा को मरवा डालना चाहती है...: "Represent: Dr. Santos Rai मालेगांव बम विस्फोट में आरोपी के शक में गिरफ्तार साध्वी प्रज्ञा बुरी तरह बीमार है. चालीस वर्षीय साध्वी की हालत इत..."

Monday, February 28, 2011

वीर सावरकर की सशस्त्र क्रांति ने देश को स्वतंत्र कराया-डा0 संतोष राय

अखिल भारत हिन्दू महासभा ने हिन्दू हृदय सम्राट वीर विनायक दामोदर सावरकर की 45वीं पुण्यतिथि ‘हिन्दू रक्षा दिवस’ के रूप में लोदी काॅलोनी, नई दिल्ली में स्थित ‘सावरकर पार्क’ में मनाई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिन्दू समाज की रक्षा और उत्थान में अपना अमूल्य योगदान देने वाले पूर्व सांसद बैकुण्ठ लाल शर्मा ‘प्रेम’, हिन्दू महासभा के नेता रविन्द्र कुमार द्विवेदी, प्रो0 ए0के0 मल्होत्रा, रवि रंजन सिंह सहित हिन्दू और सिख समाज की बीसों विभूतियों को ‘सावरकर स्मृति चिह्न’ देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता डाॅ0 गोविन्द बल्लभ जोशी ने की।
इस अवसर पर बी.एल. शर्मा प्रेम ने कहा कि आज देश की परिस्थिति 1947 से भी खतरनाक है। आज की छद्म धर्मनिरपेक्षता एवं तुष्टीकरण के कारण देश में कई पाकिस्तान बनने की तैयारी पर है। सरदार उजागर सिंह ने सावरकर जी के बारे में कहा कि जैसे सिख गुरूओं ने हिन्दुस्तान व हिन्दुओं को बचाने के लिये अपना निरंतर बलिदान दिया, उसी प्रकार से सावरकर एवं सावरकर बंधुओं ने इस राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए घनघोर यातनाएं सही जिसका वर्णन शब्दों में नही किया जा सकता।
अपने संबोधन में डाॅ0 संतोष राय ने वीर सावरकर को महात्मा गाँधी से भी ज्यादा विराट व्यक्तित्व और देशभक्त बताया। उन्होंने दोनों की तुलना करते हुये कहा कि मोहनदास करमचंद्र गाँधी की छद्म अहिंसा की अपेक्षा वीर सावरकर की सशस्त्र क्रांति ने देश को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेकिन तुष्टीकरणपरस्त इतिहासकारों ने इतिहास में उनके योगदान को कभी उचित सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर ने ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ ग्रंथ की रचना करके अंग्रेज इतिहासकारों के छद्मता की पहचान कराई थी, उसी तरह हिन्दू महासभा भारतीय स्वतंत्रता समर के दूसरे चरण का नया इतिहास लिखवाकर महात्मा गाँधी की ब्रिटिश साम्राज्य के प्र्रति सहिष्णुता और छद्म अहिंसा के सच को देश के सामने प्रस्तुत करेगी।
प्रो0 ए0के0 मल्होत्रा ने कहा कि आज सावरकर के नाम पर कुछ लोग अपनी दुकानदारी चला रहे हैं व सावरकर के अमूल्य सिद्धांतों की अवहेलना करके राष्ट्र को दिग्भ्रमित कर रहे हैं ऐसे लोगों को आने वाली पीढ़ियां कभी नही क्षमा करेगी।
कर्नल डीके कपूर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार ने 1962 के युद्ध के उपरांत सावरकर के सिद्धांतों को अपनाया जिससे भारत 1965 के भारत-पाक युद्ध में विजयी हुआ।
सरदार अमिर सिंह बिर्क ने कहा कि सावरकर के पुण्य तिथि मनाने का सही अर्थ तब होगा जब संपूर्ण हिन्दू समाज को एक सूत्र में पिरोकर माला का स्वरूप प्रदान करें।
वयोवृद्ध क्रांतिकारी संत स्वामी श्रीराम प्रपन्नाचार्य ने गंधासुर मर्दन काव्य (गांधी) के कुछ पंक्तियों को सावरकर जी के पुण्य स्मृति में समर्पण करते हुये कहा कि नाथूराम गोडसे ने यदि गांधी का वध नही किया होता तो हैदराबाद भी हिन्दुस्तान में नही होता।
हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता बाबा नन्द किशोर मिश्रा ने कहा कि हिन्दू स्वराज्य के बिना देश का बहुसंख्यक समाज सुरक्षित नहीं रह सकता। इसके लिये उन्होंने हिन्दू महासभा की नीतियों को अपनाकर वीर सावरकर के सपनों को साकार करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
मध्य प्रदेश हिन्दू महासभा के जुझारू युवा नेता शिवकांत शुक्ला ने कहा कि सावरकर के नीतियों के कारण ही नजफगढ़ एवं किशनगंज पाकिस्तान का सीमा नही बन पाया।
हिन्दू महासभा के नेता रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपना सम्मान ग्रहण करने से पूर्व अपने संबोधन में कहा कि धर्मांतरण हिन्दू समाज के अस्तित्व के लिये सबसे बड़ा खतरा है। जब तक धर्मांतरण समाप्त नही होगा तब तक भारत में नये पाकिस्तान का निर्माण होता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में धर्मांतरण की इजाजत नही दी जा सकती।
इस कार्यक्रम में हिन्दू महासभा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष दीपक चोपड़ा, महामंत्री सपन दत्ता, हिन्दू महासभा के प्रवक्ता जंगबहादुर क्षत्रिय व भारी संख्या में उपस्थित वीर सावरकर के अनुयायियों ने वीर सावरकर की आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके उनके बताये मार्ग पर चलने का का प्रण किया।

Monday, February 14, 2011

स्थानिय पुलिस प्रशासन के कारण हिन्दू महासभा भवन संकट में

रविन्द्र कुमार द्विवेदी


अखिल भारत हिन्दू महासभा की धारा 26-बी के अनुसार महासमिति के लिये गये निर्णय को किसी भी न्यायालय में चुनौती नही दी जा सकती। 14/01/2011 को चुनाव आयोग द्वारा दिये गये निर्णय को चक्रपाणी ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। जिस पर माननीय न्यायालय ने निष्पक्ष रूप से विषयवस्तु को जाने बिना आयोग के निर्णय को अपने तात्कालिक प्रभाव से स्थगित कर दिया। यह न्यायालय की निष्पक्षता पर प्रश्न-चिह्न है। न्यायालय के संपूर्ण विषयवस्तुओं को ज्ञात करने के उपरांत एवं सभी पक्षों को नोटिस देकर उनकी बातों को जानना आवश्यक था। उसके बाद कोई भी निर्णय माननीय न्यायालय लिया होता तो न्यायिक गरिमा का उत्कृष्ट प्रदर्शन होता।
सन् 1915 में पं0 मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय और स्वामी श्रद्धानंद के प्रयासों से देवभूमि हरिद्वार की पावन धरती पर विशाल हिन्दू महासभा के अधिवेशन के उपरांत अखिल भारत हिन्दू महासभा विशाल रूप में राष्ट्रीय स्तर पर उभरा। अखिल भारत हिन्दू महासभा को वीर विनायक दामोदर सावरकर, भाई परमानंद और डॉ0 बालकृष्ण सदाशिव मुंजे जैसे अनेंक महान हिन्दू विभूतियों के अथक परिश्रम से विशाल हिन्दू संगठन तैयार किया। प्रसिद्ध क्रांतिकारी रासविहारी बोस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, करतार सिंह सराभा, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और इसके समवर्ती तमाम क्रांतिकारी हिन्दू महासभा के अथक परिश्रम की देन है, जिनके कारण राष्ट्र को ब्रिटिश साम्राज्यवाद से मुक्त कराने में सफलता प्राप्त हुई और 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हुआ। हिन्दू महासभा की यह महान गौरवशाली परंपरा हिन्दू समाज और समस्त भारतवासियों के हृदय में विशेष रूप से अंकित हो गयी। दुर्भाग्य से वर्तमान में चक्रपाणी और चन्द्रप्रकाश कौशिक के स्वार्थी प्रवृत्ति के चलते हिन्दू महासभा का मूल अस्तित्व खतरे में है।
ब्रिटिश सरकार से सन् 1933 में नई दिल्ली के मंदिर मार्ग पर चिरस्थायी पट्टे पर प्राप्त जमींन को देवता स्वरूप भाई परमानंद ने प्राप्त की। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कार्यालय और देश-विदेश में रहने वाले करोड़ों हिन्दुओं के आस्था के केन्द्र जिस मंदिर (भवन) का निर्माण करवाया था, उस मंदिर की लीज वाली जमीन भी खतरे में पड़ गई है। चक्रपाणि और कौशिक की स्वार्थी प्रवृत्ति ने हिन्दू महासभा भवन की इमारत का पूर्ण व्यवसायीकरण कर दिया है, स्थानिय पुलिस प्रशासन के दो एस.एच.ओ. रामकृष्ण यादव एवं रमेश चंद्र भारद्वाज के कुकृत्यांे का संगठन बहुत बड़ी कीमत चुका रहा है। इन दो एस.एच.ओ. की सहायता से चंद्र प्रकाश कौशिक व चक्रपाणि द्वारा अवैध गतिविधियां अनवरत चल रही हैं, ये भारत सरकार के केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के संज्ञान में आ चुका है। मंत्रालय व्यवसायीकरण के कारण भवन को अधिग्रहित कर सकता है या सील लगा सकता है, मंदिर (भवन) की जमीन की लीज को रद्द करके किसी भी समय उसे अधिग्रहीत करने की कार्रवाई कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो वो दिन हिन्दू समाज के लिये काला अध्याय सिद्ध होगा, जिसे रोकने के लिये हिन्दू महासभा के वास्तविक हिन्दू महासभाई हिन्दू महासभा के संविधान में वर्णित धाराओं के आधार पर प्रतिबद्ध हैं।
चक्रपाणि का वास्तविक नाम राजेश श्रीवास्तव है और वो हिन्दू महासभा के सदस्य तक नही हैं। चक्रपाणि ने 19 दिसंबर 2005 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ग्वालियर बैठक में स्वयं स्वीकार किया था कि उन्होंने जिस व्यक्ति को अपना सदस्यता शुल्क दिया था, उसने उस शुल्क को केन्द्रीय कार्यालय में जमा नहीं करवाया। चक्रपाणि ने पुनः सदस्यता ग्रहण नही की, जिसके आधार पर तत्कालिन राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चन्द्र त्यागी द्वारा चक्रपाणि को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाना स्वतः असंवैधानिक घोषित हो जाता है। इतना ही नहीं, 25 जुलाई, 2006 को दिल्ली के 7, शंकराचार्य मार्ग, सिविल लाइन, दिल्ली-110054 में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चन्द्र त्यागी की अध्यक्षता में आहूत बैठक में सतीश चंद्र मदान और मदन लाल गोयल (दोनों तत्कालीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष) के दबाव में चक्रपाणि को राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित किया गया, वो भी हिन्दू महासभा के संविधान के विरूद्ध असंवैधानिक सिद्ध होता है। इस बैठक में चक्रपाणि की कथनी और करनी में अंतर भी स्पष्ट नजर आया।
19 दिसंबर 2005 की ग्वालियर बैठक में चक्रपाणि ने स्वयं कहा था कि राष्ट्रीय बैठक में दूसरे दलों से जुड़े नेताओं को न बुलाया जाये, किन्तु 25 जुलायी 2006 की दिल्ली बैठक में वो स्वयं कांग्रेस की इन्दिरा तिवारी को अपने साथ बैठक में लेकर आये अपने ही सुझाव को धूल-धूसरित कर दिया। चक्रपाणि का निर्वाचन इस संदर्भ में भी असंवैधानिक माना जा सकता है कि 4 जून 2006 की मेरठ बैठक से ही हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद विवादित हो गया था।
इस विवाद के मध्य सन् 2007 में चक्रपाणि नें इन्दिरा तिवारी के माध्यम से भारतीय निर्वाचन आयोग को भ्रमित करने वाली जानकारियां प्रदान की। भ्रमित जानकारी के आधार पर निर्वाचन आयोग वास्तव में भ्रमित हो गया और 7 अगस्त 2007 को चक्रपाणि को राष्ट्रीय अध्यक्ष दर्शाता एक पत्र निर्वाचन आयोग द्वारा प्रेषित किया गया। इससे पहले 6 मार्च, 2007 को दिनेश चन्द्र त्यागी और संगठन से निष्कासित छद्म राष्ट्रीय अध्यक्ष (स्वयंभू) चन्द्र प्रकाश कौशिक ने निर्वाचन आयोग को पत्र प्रेषित किया था, जिसमें दोनों ने परस्पर विवाद को समाप्त करने तथा 4 जून, 2006 से पहले की निर्विवाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी को स्वीकार करने की घोषणा की थी। संभवतः 7 अगस्त, 2007 के अपने पत्र में निर्वाचन आयोग उक्त घोषणा को संज्ञान में लेना भूल गया।
दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर वाद(सी.एस.डब्ल्यू.5) नं0 837/2007) का तथ्य भी निर्वाचन आयोग से छिपाकर चक्रपाणि ने आयोग को गुमराह किया, किन्तु निर्वाचन आयोग के संज्ञान में उच्च न्यायालय के बाद (चक्रपाणि को चुनौती देनें वाली याचिका) को संज्ञान में लाया गया तो निर्वाचन आयोग ने चक्रपाणि को प्रेषित 21 अगस्त 2007 के पत्र में उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के अपने पिछले पत्र को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।
चक्रपाणि और चन्द्र प्रकाश कौशिक अपने आपको वास्तविक अध्यक्ष बताते रहे और हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं के साथ पूरे हिन्दू समाज को गुमराह करते रहे। हिन्दुओं के आस्था के पवित्र मन्दिर (भवन) में सन् 2006 से पूर्व सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों तथा वीर सावरकर, भाई परमानंद, वीर बाल हकीकत राय, रानी लक्ष्मी बाई, झलकारी बाई जैसे हिन्दू समाज के महान वीरों और वीरांगनाओं की पुण्यतिथियां मनायी जाती थी। हिन्दू महासभा भवन हमेशा कार्यकर्ताओं के चहल-पहल से आबाद रहता था। किन्तु नेतृत्व विवाद आरंभ होने के बाद मन्दिर(भवन) से धीरे-धीरे कार्यकर्ताओं का कोलाहल लुप्त हो गया। वहां कार्यक्रमों और हिन्दू समाज की गतिविधियों के बदले सन्नाटा छा गया। हिन्दू महासभा भवन का इस्तेमाल व्यवसायिक गतिविधियों में होनें लगा, जो हिन्दू आस्था और भावनाओं के साथ घातक खिलवाड़ था।
मन्दिर(भवन) में स्थापित वीर सावरकर, भाई परमानंद और बाल हकीकत राय की प्रतिमाओं की गहरी उपेक्षा और समुचित देखरेख के अभाव में दोनों पक्षों के सच्चे हिन्दू महासभाइयों की आत्मा कराह उठी और उन्होंने हिन्दुओं के एकमात्र हिन्दू राजनीतिक दल अखिल भारत हिन्दू महासभा और उसके पवित्र मन्दिर(भवन) को दोनों पक्षों के स्वार्थ से मुक्त कराने का संकल्प लिया।
राह कितनी भी कठिन हो, लेकिन बुलंद हौसले कठिनाइयों को बौना साबित कर देते हैं। इसका आभास 8 सितंबर 2007 को हुआ, जब संस्था के विवादों को सुलझाने और स्वार्थी हिन्दू महासभाइयों से हिन्दू महासभा को मुक्त कराने के लक्ष्य पर हिन्दू महासभा के संविधान की के अंतर्गत महासमिति के दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों की बैठक आहूत हुई। धारा 16 एफ में पांच प्रदेश अध्यक्षों अथवा 30 महासमिति के सदस्यों की मांग पर ऐसी बैठक बुलाये जाने का प्रावधान है। बैठक में पं0 नंदकिशोर मिश्रा की अध्यक्षता में पांच प्रदेशों के सात प्रतिनिधियों की संवैधानिक उच्चाधिकारी समिति का गठन किया गया। समिति को सभी सांगठनिक विवादों को सुलझाने की स्वतंत्र शक्तियां प्रदान की गई।
यह सारी प्रक्रिया इतनी आसान नहीं रही। इस बैठक को असंवैधानिक घोषित करते हुये चक्रपाणि ने बैठक पर रोक लगाने की दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिन्दू महासभा के की धारा 16 एफ का संज्ञान लेते हुये बैठक को संवैधानिक मानते हुये रोक लगाने से इंकार कर दिया था। इतना ही नहीं एक अन्य मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल, 2008 के एक अंतरिम आदेश में भी समिति के अस्तित्व को मान्यता दी। दो जुलाई 2008 को नई दिल्ली के गढ़वाल भवन में उच्चाधिकार समिति की देखरेख में राष्ट्रीय महासमिति की आहूत बैठक में श्रीमती हिमानी सावरकर को अखिल भारत हिन्दू महासभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। 4 जुलाई, 2007 को संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को निर्वाचन आयोग में दर्ज करा दिया गया। उसके बाद देश और राज्यों में हुये सभी चुनावों में हिन्दू महासभा नें अपने उम्मीदवार उतारे और हिमानी सावरकर के साक्ष्यांकित ए और बी फार्म को निर्वाचन आयोग ने स्वीकार किया। यह हिन्दू महासभा के संविधान की धारा 16 एफ के अंतर्गत संगठित हिन्दू महासभा की एक बड़ी विजय रही।
बाद में 20 नवंबर, 2010 को लखनउ में श्री दिनेश चंद्र त्यागी की अध्यक्षता में संपन्न राष्ट्रीय महासमिति की बैठक में सभी पक्षों के महत्वपूर्ण सदस्यों की उपस्थिति में राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भंग कर एक उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया। उच्चाधिकार समिति का अध्यक्ष कमलेश तिवारी को बनाया गया। प्रखर हिन्दू नेता डॉ0 संतोष राय की अध्यक्षता में स्वागत समिति का गठन किया गया। स्वागत समिति के अध्यक्ष का दायित्व है नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनावी प्रक्रिया को पूर्ण करने का(चुनाव करने का)। नई कार्यकारिणी के चुनाव होनें तक उच्चाधिकार समिति को सभी शक्तियां प्रदान की गई हैं। हिन्दू महासभा के संविधान के अंतर्गत वर्तमान में कोई भी राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय पदाधिकारी नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय में श्रीराम जन्म भूमि विवाद की पैरवी करना और मन्दिर(भवन) को मुक्त करवाकर वहां से पुनः राष्ट्रवादी स्वर गुंजायमान करना संगठन का पुनीत कर्तव्य है। स्वागत समिति की अध्यक्षता में निर्वाचित अध्यक्ष एवं गठित कार्यकारिणी ही वैधानिक कार्यकारिणी मानी जायेगी।
हिन्दू महासभा का संविधान ही सर्वोपरि है, जिसे न्यायालय को मान्य होना चाहिये और निर्वाचन आयोग को भी। हिन्दू समाज और हिन्दुत्व के प्रति आस्थावान भारतीय समाज के प्रति सच्चा सम्मान यही होगा कि सभी पक्ष इस निर्वाचन प्रक्रिया का हिस्सा बनकर सभी विवादों को हमेशा के लिये खत्म करें और अखिल भारत हिन्दू महासभा को भगवा ध्वज के नीचे भव्य और सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प लें।

Friday, February 4, 2011

बलात्कार :जिहाद का हथियार

B.N. Sharma

Represen: R.k. Dwivedi
जिहाद दुनिया का सबसे घृणित कार्य और सबसे निंदनीय विचार है .लेकिन इस्लाम में इसे परम पुण्य का काम बताया गया है .जिहाद इस्लाम का अनिवार्य अंग है .मुहम्मद जिहाद से दुनिया को इस्लाम के झंडे के नीचे लाना चाहता था .मुहलामानों ने जिहाद के नाम पर देश के देश बर्बाद कर दिए .हमेशा जिहादियों के निशाने पर औरतें ही रही हैं .क्योंकि औरतें अल्लाह नी नजर में भोग की वस्तु हैं .और बलात्कार जिहाद का प्रमुख हथियार है .मुसलमानों ने औरतों से बलात्कार करके ही अपनी संख्या बढाई थी .मुहम्मद भी बलात्कारी था .मुसलमान यही परम्परा आज भी निभा रहे है .यह रसूल की सुन्नत है ,कुरान के अनुसार मुसलमानों को वही काम करना चाहिए जो मुहम्मद ने किये थे .कुरान में लिख है-




"जो रसूल की रीति चली आ रही है और तुम उस रीति(सुन्नत )में कोई परवर्तन नहीं पाओगे "सूरा -अल फतह 48 :23


"यह अल्लाह की रीति है यह तुम्हारे गुजर जाने के बाद भी चलती रहेगी .तुम इसमे कोई बदलाव नहीं पाओगे .सूरा -अहजाब 33 :62

"तुम यह नहीं पाओगे कि कभी अल्लाह की रीति को बदल दिया हो ,या टाल दिया गया हो .सूरा -फातिर 33 :62

यही कारण है कि मुसलमान अपनी दुष्टता नही छोड़ना चाहते .जिसे लोग पाप और अपराध मानते हैं ,मुसलमान उसे रसूल की सुन्नत औ अपना धर्म मानते है .और उनको हर तरह के कुकर्म करने पर शर्म की जगह गर्व होता है .बलात्कार भी एक ऐसा काम है .जो जिहादी करते है -



1 -बलात्कार जिहादी का अधिकार है

"उकावा ने कहा की रसूल ने कहा कि जिहाद में पकड़ी गई औरतों से बलात्कार करना जिहादिओं का अधिकार है .

बुखारी -जिल्द 1 किताब 5 हदीस 282

"रसूल ने कहा कि अगर मुसलमान किसी गैर मुस्लिम औरत के साथ बलात्कार करते हैं ,तो इसमे उनका कोई गुनाह नहीं है .यह तो अल्लाह ने उनको अधिकार दिया है ,औ बलात्कार के समय औरत को मार मी सकते हैं"

बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 132


बुखारी -जिल्द 1 किताब 52 हदीस 220



2 -जिहाद में बलात्कार जरूरी है

सईदुल खुदरी ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि सामूहिक बलात्कार करने से लोगों में इस्लाम की धाक बैठ जाती है .इसलिए जिहाद में बलात्कार करना बहुत जरूरी है .बुखारी जिल्द 6 किताब 60 हदीस 139

3 -बलात्कार से इस्लाम मजबूत होता है

"इब्ने औंन ने कहा कि,रसूल ने कहा कि किसी मुसलमान को परेशां करना गुनाह है ,और गैर मुस्लिमों को क़त्ल करना और उनकी औरतों के साथ बलात्कार करना इस्लाम को आगे बढ़ाना है.बुखारी -जिल्द 8 किताब 73 हदीस 70


"रसूल ने कहा कि मैंने दहशत और बलात्कार से लोगों को डराया ,और इस्लाम को मजबूत किया .बुखारी -जिल्द 4 किताब 85 हदीस 220

"रसूल ने कहा कि ,अगर काफ़िर इस्लाम कबूल नहीं करते ,तो उनको क़त्ल करो ,लूटो ,और उनकी औरतों से बलात्कार करो .और इस तरह इस्लाम को आगे बढ़ाओ और इस्लाम को मजबूत करो.बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 464

4 -माल के बदले बलात्कार

"रसूल ने कहा कि जो भी माले गनीमत मिले ,उस पर तुम्हारा अधिकार होगा .चाहे वह खाने का सामान हो या कुछ और .अगर कुछ नहीं मिले तो दुश्मनों कीऔरतों से बलात्कार करो ,औए दुश्मन को परास्त करो .बुखारी -जिल्द 7 किताब 65 हदीस 286 .

(नोट -इसी हदीस के अनुसार बंगलादेश के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने बलात्कार किया था )

5 -बलात्कार का आदेश '

"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने अपने लोगों (जिहादियों )से कहा ,जाओ मुशरिकों पर हमला करो .और उनकी जितनी औरतें मिलें पकड़ लो ,और उनसे बलात्कार करो .इस से मुशरिकों के हौसले पस्त हो जायेंगे .बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 432

6 -माँ बेटी से एक साथ बलात्कार

"आयशा ने कहा कि .रसूल अपने लोगों के साथ मिलकर पकड़ी गई औरतों से सामूहिक बलात्कार करते थे .और उन औरतीं के साथ क्रूरता का व्यवहार करते थे .बुहारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 67


"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने 61 औरतों से बलात्कार किया था .जिसमे सभी शामिल थे .औरतों में कई ऎसी थीं जो माँ और बेटी थीं हमने माँ के सामने बेटी से औए बेटी के सामने माँ से बलात्कार किया .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3371 और बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 288

7 -बलात्कार में जल्दी नहीं करो

"अ ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,पकड़ी गयी औरतो से बलात्कार में जल्दी नहीं करो .और बलात्कार ने जितना लगे पूरा समय लगाओ "



बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 446 .

अब जो लोग मुसलमानों और मुहम्मद को चरित्रवान और सज्जन बताने का दवा करते हैं ,वे एक बार फिर से विचार करे, इस्लाम में अच्छाई खोजना मल-मूत्र में सुगंध खोजने कि तरह है .आप एक बार मुस्लिम ब्लोगरो द्वारा इस्लाम और मुहम्मद के बारे में लिखी हुई झूठी बातों को पढ़िए फिर दिए तथ्यों पर विचार करके फैसला कीजिये

.अधिक जानकारी के लिए यह अंगेजी ब्लॉग देखें

http://nakedmuhammad.blogspot.com/

Thursday, January 20, 2011

पशुप्रेमी मुसलमान ?

इस शीर्षक को पढ़कर लोग जरुर चौंक जायेंगे ,क्योंकि सब जानते हैं कि जब मुसलमान इंसानों और इंसानियत के परम शत्रु हैं ,तो वे पशुओं से प्रेम कैसे कर सकते हैं ?लेकिन मुसलमानों के पशुप्रेम का तात्पर्य उनका पशुओं के लिए दया और करुणा का भाव कदापि नहीं है .यह तो और ही प्रकार का प्रेम है ,जो मुस्लिम देशों में काफी समय से प्रचलित है .यद्यपि मुसलमान इस बात को छुपाते हैं

इस इस्लामी कुकर्म को "पशु मैथुन "Bestiality "कहा जाता है .कामातुर होकर मुसलमान अपने पालतू जानवरों ,जैसे बकरी ,भेड़,गधी,और ऊंटनी के साथ कुकर्म करते हैं .अरब में तो यह परम्परा के रूप में इस्लाम के पूर्व से आजतक प्रचलित है .

1 -पशु मैथुन हज का प्रमुख अंग था

الحج إلى مكة المكرمة ليست كاملة دون كلبين مع الجمل

जब तक ऊंटनी के साथ सम्भोग नहीं किया जाता ,हज्ज पूरा नहीं होता .अब्दुल्ला इब्ने अब्बास ने कहा कि रसूल ने कहा यह अरब कि यह अरबों की रवायत है .इसमे कोई गुनाह नहीं है .सुन्नन अबू दाऊद-किताब 38 हदीस 4449

2 -अरब देशों से प्राप्त पशु मैथुन के आंकड़े -

Here are the Muslim countries and how they placed in the top five world ranking of various bestiality-related internet search terms:


Pig Sex: Pakistan (No. 1) Egypt (No. 2) Saudi Arabia (No. 3)


Donkey Sex: Pakistan (No. 1) Iran (No. 3) Saudi Arabia (No. 4)


Dog Sex: Pakistan (No. 1) Saudi Arabia (No. 3)


Cat Sex: Pakistan (No. 1) Iran (No. 2) Egypt (No. 3) Saudi Arabia (No. 4)


Horse Sex: Pakistan (No. 1) Turkey (No. 3)


Cow Sex: Pakistan (No. 1) Iran (No. 2) Saudi Arabia (No. 4)


Goat Sex: Pakistan (No. 1)


Animal Sex: Pakistan (No. 1) Morocco (No. 2) Iran (No. 4) Egypt (No. 5)


Snake Sex: Pakistan (No. 1) Malaysia (No. 3) Indonesia (No. 4) Egypt (No. 5)


Monkey Sex: Pakistan (No. 1) Indonesia (No. 3) Malaysia (No. 4)


Bear Sex: Pakistan (No. 1) Saudi Arabia (No. 2)


Elephant Sex: Pakistan (No. 1) Egypt (No. 3) United Arab Emirates (No. 4) Malaysia (No. 5)


Fox Sex: Saudi Arabia (No. 1) Turkey (No. 4)

3 -प्रमाणिक हदीस सही मुस्लिम से सबूत

و حدثني زهير بن حرب وأبو غسان المسمعي ح و حدثناه محمد بن المثنى وابن بشار قالوا حدثنا معاذ بن هشام قال حدثني أبي عن قتادة ومطر عن الحسن عن أبي رافع عن أبي هريرة أن نبي الله صلى الله عليه وسلم قال إذا جلس بين شعبها الأربع ثم جهدها فقد وجب عليه الغسل


وفي حديث مطر وإن لم ينزل قال زهير من بينهم بين أشعبها الأربع حدثنا محمد بن عمرو بن عباد بن جبلة حدثنا محمد بن أبي عدي ح و حدثنا محمد بن المثنى حدثني وهب بن جرير كلاهما عن شعبة عن قتادة بهذا الإسناد مثله غير أن في حديث شعبة ثم اجتهد ولم يقل وإن لم ينزل

Narrated by Zuhair Ibn Harb, narrated by Ghasan Al-Masma’i, narrated by Muhammad Ibn Al-Mathny, narrated by Ibn Bashar, who said that it was narrated by Muath Ibn Hisham, narrated by Abu Qatada, narrated by Mattar, narrated by Al-Hassan, narrated by Abu Rab’i, narrated by Abu Huraira who said:


"The prophet – peace be upon him – said, ‘If one sits between a woman’s four parts (shu’biha Al-arba’) and then fatigues her, then it necessitates that he wash.’


In the hadith of Mattar it is added ‘even if he does not ejaculate (yunzil).’ Zuhair narrated among them using the phrase ‘Ashba’iha Al-arba’. It was also narrated by Muhammad Ibn Umar Ibn Ibad Ibn Jablah, narrated Muhammad Ibn Abi Uday, narrated by Muhammad Ibn Al-Mathny, narrated by Wahb Ibn Jarir who both related from Shu’bah who narrated from Qatada who gave this same chain of transmission, except that in the hadith of Shu’bah it has the phrase ‘then he labored’ but did not have the phrase ‘even if he does not ejaculate.’



4 -मुस्लिम औरतें पशु मैथुन कर सकती हैं

"अगर कोई औरत अपनी योनी में जानवर का लिंग घुसवाती है ,तो उसे अपनी योनी को धो लेना चाहिए .और उस लिंग को भी बाहर निकालने के बाद धो लेना चाहिए .इसमे कोई दो मत नहीं है .

If a woman inserts (in her vagina) an animal's penis she must wash, and if she inserts a detached penis (thakaran maktu-an, lit. "a severed male member") there are two opinions; the most correct is that she must wash.

إذا أدخلت المرأة (في فرجها) القضيب حيوان أنها يجب أن يغسل، وإذا كانت إدراج فصل القضيب

सही मुस्लिम -किताब हैज़ -हदीस 525

5 -हज्ज में ऊंटनी के साथ मैथुन जरूरी

الحج إلى مكة المكرمة ليست كاملة دون كلبين مع الجمل

जब तक ऊंटनी के साथ सम्भोग नहीं किया जाता ,हज्ज पूरा नहीं होता .अब्दुल्ला इब्ने अब्बास ने कहा कि रसूल ने कहा यह अरब कि यह अरबों की रवायत है .इसमे कोई गुनाह नहीं है .सुन्नन अबू दाऊद-किताब 38 हदीस 4449

6-पशु मैथुन से हज्ज खराब नहीं होता .

सुन्नी इमाम अबूबकर अल काशनी ने अपनी कताब में लिखा है कि "अगर कोई जानवर के साथ मैथुन करता है तो ,उसका हज्ज बर्बाद नहीं होता ."Sunni Imam Abu Bakar al-Kashani (d. 587 H) records in his authority work 'Badaye al-Sanae' Volume 2 page 216:

ولو وطئ بهيمة لا يفسد حجه

"If he had sexual intercourse with an animal, that will not make his hajj void


वादये अल शानैं-जिल्द 2 पेज 216

7 -पशु मैथुन हलाल है

इस्लाम के हनफी विद्वान् "अल्लामा हसन बिन मंसूर गाजी खान ने पशु मैथुन के बारे में अपने फतवे में कहा है कि अधिकाँश विद्वान् पशु मैथुन को हलाल मानते है मानते है .लेकिन मकरूह (नापसंद )कहते हैं " .लेकिन मकरूह (नापसंद )कहते हैं "


لقد كانت نكاح الحيوانات قبل البعثه منتشره وتروى كثير من الروايات انها حلال لكنها مكروه والاحوط وجوبا ترك هذه العاده التي تسبب الأذى النفسي ويجب عليك الاعتراف لصاحب الاغنام ودفع قيمتها لمالكها


sex with animals before the mission (Islam) was wide spread and many narrations are narrated that it is halal but makrooh (disliked). And on the compulsory precaution one should abandon this practice that may cause self harm. And you must admit this to the owner of the sheep and pay the owner.
फतवा -गाजी खान -पेज 820 .अल उज़्मा सय्यद अली सीस्तानी

इन सारे प्रमाणों से साबित होता है कि इस्लाम के कितने उच्च विचार है ,जब मुसलमान पशुओं को भी अपनी हवस का निशाना बना सकते हैं ,तो उन से इंसानियत की आशा रखना मूर्खता होगी .और विचार करिए कि जब मुसलमान ऐसे कुकर्मी हैं ,तो मुहम्मद चरित्रवान की हो सकता था .वह भी अरबी संस्कृति में पला हुआ था .


अभी तो यह थोड़े से नमूने दिए है ,आगे और भी जानकारियाँ देते रहेंगे .आप पढ़ते रहिये

http://www.wikiislam.net/wiki/Islam_and_Bestiality#Definitions