hinduswarajyasena

Wednesday, December 25, 2013

सांप्रदायिक लक्षित हिंसा विधेयक के खिलाफ रविन्‍द्र द्विवेदी ने किया धरना-प्रदर्शन

      यूपीए सरकार के प्रस्तावित साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा बिल के खिलाफ अखिल भारत हिन्दू महासभा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं रविवार शाम शहर के प्याली चौक पर चौराहे पर प्रदर्शन किया । महासभा के नेताओं ने केंद्र की कांग्रेस सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी के बाद हाथ में प्रस्तावित बिल की प्रतियां लिए पियाली चौक पहुंचे और उसे आग के हवाले कर दिया। विहिप कार्यकर्ता पोप की लाठी वापस जाओ,अल्पसंख्यक तुष्टीकरण बंद करो,गऊ हत्या बंद करो, कीर्तन-भजन में बाधा उत्पन्न करने वाले तथा हिंदुओं का उत्पीड़न करने वालों का प्रश्रय देना बंद करो के नारे लगा रहे थे।



      महासभा के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष रविंदर द्विवेदी और फरीदाबाद लोकसभा के प्रत्यासी रविंदर भाटी के नेतृतव में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। चौक पर पर साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा की प्रतियां जलाने के बाद सभा भी हुई। सभा में महासभा के नेताओं ने कहा कि सोनिया गांधी के सलाहकार परिषद द्वारा बनाया गया साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा को रोकथाम विधेयकक एक ऐसा कानून है जो स्वतंत्र भारत में हिंदुओं को मुस्लिम और ईसाई समाज में पराधीन रहने को विवश करेगा। हिंदुओं को अपने ही देश में द्वितीय श्रेणी का नागरिकता प्रदान करने वाला यह कानून मुगलिया सल्तनत की याद को ताजा करता है। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर इस बिल को सदन में रखा गया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस मौके महासभा के फरीदाबाद के जिला अध्यक्ष अशोक कुशवाह, लक्ष्मण वर्मा उर्फ़ लच्छू भैया, एडवोकेट सुशील मिश्रा, संतोष कुमार, मास्टर राजकुमार, उमेश कुमार ठाकुर, संतोष यादव, मनोज पाण्डेय शास्त्री, ब्रिज श्याम तिवारी, प्रधान मल्लापुर, खेम चंद गोयल, विजय शर्मा, सीताराम, कृष्णपाल सहित महासभा के सैकड़ों लोग मौजूद थे ।

Tuesday, November 26, 2013

राष्‍ट्रीय राजनीति में हिन्दू महासभा की ख्वाहिश भाजपा के लिए अभिशाप

संघ और महासभा का आरोप- प्रत्यारोप जारी 
अखिल भारत हिन्दू महासभा भाजपा, आर एस0 एस0 और विश्व हिन्दू परिषद को कड़ी चुनौती दे रही है। हिन्दू महासभा नेताओं द्रारा तीनों पर ऐसे-ऐसे उठाये जा रहे है, जिनका जबाब किसी और के पास नही है। जबाब न देने पाने पर भाजपा, आर 0एस0 एस0 और विहिप समर्थक हिन्दू महासभा को काग्रेंस का एजेन्ट तक 
कह रहे है। हिन्दू महासभा समर्थक काग्रेंस का एजेन्ट होने का आरोप खारिज कर काग्रेंस को अपना शत्रु नम्बर वन घोषित कर रहे है। यह सारा नजारा फेसबुक पर साफ-साफ देख जा सकता है।
हिन्दू महासभा से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार एंव फैजाबाद लोकसभा प्रत्याशी रविन्द्र द्विवेदी ने फेसबुक में अपनी टार्इमलार्इन पर लिखा -
''
भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। मोदी समर्थक मेरी टार्इम लार्इन लिख रहे है वो भाजपा विरोधी है। भाजपा समर्थक अखिल भारत हिन्दू महासभा की भाजपा विरोधी पोस्ट को लार्इक करते है। क्या भाजपा के लिए सब ठीक है? नही यह भाजप के पतन और हिन्दू महासभा के उत्थान का आगाज है। 2014 लोकसभा चुनाव बाद देश की राजनीतिक तस्वीर बदली-बदली नजर आये तो किसी को अचरज नही होना चाहिये। जय हिन्दू राष्ट''
रविन्द्र द्विवेदी की इस पोस्ट को मोदी समर्थक द्रारा लार्इककर भारी समर्थन दिया जा रहा है। दिल्ली भाजपा नेता इन्दू भूषण
, राम गोपाल भारतीय,विश्वदीपक मिश्र, बंगाल के मोदी समर्थक अरिन्दम मुखर्जी सहित अनेक जाने- माने मोदी समर्थक रविन्द्र द्विवेदी की पोस्ट को लाइक करने वालो में सामिल है। मोदी समर्थक जितना मोदी को समर्थन देना चाहते है, उनके अनुपात में भाजपा को जरा भी पसन्द नही करते। 
बंगाल से अरिन्दम मुखर्जी बकायदा अपनी कमेन्ट में बार-बार कह रहे है कि वो भाजपा समर्थक नही है। वो मोदी के नाम पर राष्टवाद और हिन्दूत्व को समर्थन दे रहे है और अखिल भारत हिन्दू महासभा से मोदी के लिए समर्थन मांग रहे है। हलाकि हिन्दू महासभा नेताओ ने मोदी को समर्थन देने से साफ इंकार कर मोदी के विरूद्व रविन्द्र द्विवेदी को प्रधानमंत्री पद का सशक्त उम्मीदवार बता रहे है। मोदी समर्थक अरिन्दम मुखर्जी का यह भी कहना कि अगर हिन्दू महासभा उनके चुनाव क्षेत्र बंगाल से हिन्दू महासभा के उम्मीदवार खड़ा करते है तो वो अपने समर्थकों के साथ महासभा के लिए प्रचार करेंगें।
रविन्द्र द्विवेदी की टार्इम लार्इन पर भाजपा समर्थक के आरोपो का जबाब देने की जिम्मेंदारी अखिल भारत हिन्दू महासभा से राजस्थान प्रदेश के प्रभारी पवन कुमार सुरोलिया
, प्रदेश प्रभारी मुकुल मिश्रा, उत्तर भारत की विधि परामर्शदाता अधिवक्ता संजया शर्मा और महाराष्ट हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता प्रमोद पंणिड़त जोशी ने संभाली है।
हिन्दू महासभा के समर्थकों और भाजपा
, आर0 एस0 एस0 और विहिप समर्थको के बीच फेसबुक पर लगाातार जारी कमेन्टस में गड़े मुरर्दे भी उखाड़े जा रहे है। आर0 एस0 एस0 को देश विभाजन का न केवल दोषी ठहराया जा रहा है वरन गाधी वध पर नये-नये रोचक प्रसंग भी पढ़ने को मिल रहे है।
अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी पर भी आरोपों की बौछार कर भाजपा को हिन्दू विरोधी और मुसिलम परस्त साबित करने का प्रयास किया जा रहा है। फेसबुक पर भाजपा
, आर0 एस0 एस0 और विहिप समर्थक हिन्दू महासभा को हिन्दू एकता को मजबूत करने की जगह तोड़ने वाला सिद्व करने का प्रयास कर रहे है। हिन्दू महासभा इस आरोप को 'खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे' की कहावत से जोड़ भाजपा, आर0 एस0 एस0 और विहिप पर पलटवार कर रही है।
भाजपा
, आरएसएस और विहिप पर पलटवार करते हुये राजस्थान हिन्दू महासभा के प्रभारी मुकुल मिश्रा अपनी कमेंट में लिखते हैं ''संघ के स्वयंसेवकों, विहिप कार्यकर्ताओं और भाजपाइयों से निवेदन है कि अखिल भारत हिन्दू महासभा, राजस्थान का भाजपा-कांग्रेस के विरूद्ध आरोप पत्र अवश्य पढ़ेंं। मैं सभी भाजपार्इ, कांग्रेसी, स्वयंसेवक, विहिप कार्यकर्ताओं को बहस के लिये आमंत्रित करता हूं, जय हिन्दू राष्ट्र।
राजस्थान के प्रदेश हिन्दू महासभाध्यक्ष पवन कुमार सिरोलिया अपनी कमेंट में अटल बिहारी वाजपेयी पर कड़ा प्रहार करते हुये लिखते हैं-
''अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वयं एक साक्षात्कार में कहा था कि मैं मछली और विहस्की का शौकीन हूं। अटल बिहारी वाजपेयी ने देशभक्त क्रांतिकारियों के खिलाफ गवाही दी थी। वाजपेयी ने प्रधानमंत्री काल में पाकिस्तानी कारगिल में घुसे थे जिसके कारण भारत में भारी जान-माल का नुकसान हुआ था। उनके शासन में ही अजहर मसूद जैसे आतंकवादियों को कंधार तक पहुंचाकर छोड़ा गया था। अटल के शासन में ही संसद पर हमला हुआ था। अटल के शासन में ही गोमांस का निर्यात हुआ। अटन शासन में हिन्दू हत्यारा फारूक अब्दुल्ला मंत्री बना रहा। अटल बिहारी वाजपेयी अपना आदर्श नेहरू को बताते हैं, जो कि नशेड़ी और आसिक मिजाज था। उसी नेहरू ने भारत माता के टुकड़े किये। नेहरू ने चंद्रशेखर आजाद की मुखबिरी करके मरवाया। नेहरू ने रूस और बि्रटिश का जासूस बनकर सुभाष चंद्र बोस को ठिकाने लगवाया। ऐसे नेहरू का चेला अटल बिहारी वाजपेयी अपने छात्र जीवन में कम्युनिस्ट पार्टी के छात्र संगठन आल इणिडया स्टूडेण्ट फेडरेशन का नेता और रूस का जासूस था। अपने गुरू नेहरू की तरह अटल भी नशेड़ी और आसिक मिजाज था। मैं दावे के साथ कहता हूं। कि देश में एक ही देशभक्त प्रधानमंत्री हुआ जिसका नाम लाल बहादुर शास्त्री।
पवन सिरोलिया समूचे आरएसएस पर प्रहार करते हुये लिखते हैं-
''डा0 हेडगेवार भगीरथ के रूप में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को गंगा नदी के रूप में भारत भूमि पर अवतरित किया। हिन्दुओं में आशा जागी कि गंगा रूपी नदी संघ पर बांध बनेगा, मीठा पानी मिलेगा, इससे हिन्दुओं की प्यास बुझेगी। संघ रूपी नदी में बांध बनकर कर्इ नहरें निकलेंगी, जिससे सिंचायी होगी और सारे खेत हरे-भरे हो जायेंगे। खाने को अन्न मिलेगा। गंगा जैसी पवित्र नदी रूपी संघ के बांध से बिजली का उत्पादन होगा, जिससे रोशनी मिलेगी और समूचा भारत जगमगा उठेगा किन्तु न बांध बना और न पीने को मीठा पानी मिला जो हिन्दुओं की प्यास बुझा सके। न ही नहरे निकली जिससे अन्न का उत्पादन हो सके। न बिजली उत्पन्न हो सकी जिससे रोशनी मिले। अपितु पहले से अधिक अंधेरा छा गया। जिस प्रकार तालाब में जल ज्यादा भरने से तालाब का रूप बड़ा हो जाता है, लेकिन तालाब का स्वरूप नष्ट हो जाता है जिसमें केवल मेढकों की टर्र-टर्र सुनायी देती है। उसी प्रकार संघ की सदस्य संख्या तो खूब बढ़ गयी परन्तु उसमें मोटे-मोटे मोहन भागवत और इन्द्रेश जैसे मेढकों की टर्र-टर्र ही सुनायी दे रही है।
महाराष्ट्र हिन्दू महासभा के वरिष्ठ नेता प्रमोद पणिडत जोशी लिखते हैं-
''हिन्दू महासभा के किसी भी सदस्य को यह ध्यान में रखना होगा कि संघ कि पितृ संस्था हिन्दू महासभा है। संघ और महासंघ के बीच जो मतभेद है, वह गुरू गोलवरकर ने नेहरू का साथ देकर देश का बंटवारा कराने के साथ आरंभ हुआ। हिन्दू महासभा को समाप्त करने के नेहरू-पटेल के निर्देश पर जनसंघ का निर्माण करना, विश्व हिन्दू धर्म सम्मेलन का अपहरण कर, विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का समझौता करने के पश्चात अब श्रीराम जन्मभूमि का कब्जा-बंटवारा का षणयंत्र ही महासभा-संघ के बीच मतभेदों का मूल कारण है।
जोधपुर में शकित सिंघ ने रविन्द्र द्विवेदी के टाइम लाइन पर हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवाद पर व्यंग्य लिखते हुये कहा है-
''महासभा का कोर्इ अध्यक्ष नही है। ख्वाब है आरएसएस और भाजपा को मिटाने का। यह तो बिना सेनापति युद्ध लड़ने की बात हो गयी। प्रमोद पणिडत जोशी शकित सिंह सर के व्यंग्य का जवाब देते हुये महासभा में भाजपायी घुसपैठियों को जिम्मेदार ठहराते हैं।
मोदी समर्थक बंगाल के अरिंदम मुखर्जी देश विभाजन में आरएसएस की भूमिका को सही ठहराते हुये लिखते हैं-
''उस समय बंटवारा अनिवार्य था। अगर उस समय बंटवारा नही होता तो आज पूरा बंगाल, असम और पंजाब मुसिलम बहुल बनकर अलग राष्ट्र होता। रही बात नेहरू का साथ देने की तो 1952 में प्रथम नेहरू मंत्रिमण्डल में महासभा के वीर सावरकर जी के निर्देश से महासभा मंत्रिमण्डल में शामिल हुयी। महासभा के सांसद श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंत्री भी बनें थे। उस समय महासभा सिर्फ ब्राहमणों की पार्टी कहलाती थी, इसलिये सभी राष्ट्रवादी हिन्दू महासभा के नेताओं के परामर्श से जनसंघ की स्थापना हुयी थी। हिन्दू महासभा सभी हिन्दू नेताओं को जोड़ने में नाकाम हो रही थी। यह महासभा की गलती थी कि उस समय महासभा अपनी गलती समझ नही पायी न ही महासभा कूटनीति से चल पायी। अत: अपनी इस गलती का दोष संघ और भाजपा पर न डाले।
दिल्ली के सुशील मिश्र अरिंदम मुखर्जी के तथ्यों का कड़ा प्रतिकार करते हुये लिखते हैं-
''भाजपा हमारी दुश्मन नंबर एक है। हम उसे केन्द्र तो दूर दिल्ली की सत्ता में भी पहुंचने नही देंगे। बंगाल में भाजपा की वीर गाथा आप गाते रहिये। हिन्दू महासभा से टकराने की हिम्मत करो। क्योंकि हमें रोकने की ताकत मोदी या राहुल गांधी में नही है।
इसके साथ ही सुशील मिश्र अरिंदम मुखर्जी की प्रशंसा करते हैं और उन्हें हिन्दू महासभा में आने का न्यौता देते हुये लिखते हैं-
''आपसे बहस में बड़ा आनंद आया। राष्ट्र चर्चा हुयी। हम हिन्दू महासभा से हिन्दू समाज को जोड़ना चाहते हैं, न कि भाजपा से। भाजपा सच्चार्इ पर खरा उतरने में नाकामयाब पार्टी है। आप हिन्दू महासभा में आइये, महासभा आपका स्वागत करेगी। आप महासभा से बंगाल संभालिये। हमारा साथ मिलेगा।
फेसबुक पर हिन्दू महासभा अन्य हिन्दुवादी संगठनों के मध्य निरंतर जारी चर्चा और आरोप-प्रत्यारोप पर आदर्श भारत टाइम्स ने महासभा से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रविन्द्र द्विवेदी से उसके दिल्ली कार्यालय में वार्ता की। रविन्द्र द्विवेदी ने सधे हुये शब्दों में कहा-
''हिन्दू महासभा को एक राजनैतिक दल होने के नाते अपने उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने व सरकार बनाने का पूरा अधिकार है। संघ, भाजपा और विहिप के पेट में दर्द उठता है तो कोयी इसमें क्या कर सकता है। रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि भाजपा और हिन्दू महासभा में एक समानता जरूर है, वो समानता यह है कि दोनों ही कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं। महासभा एक कदम और आगे है, जो भाजपा को सत्ता से दूर रखने की ख्वाहिश रखती है। राष्ट्रीय राजनीति में हिन्दू महासभा की ख्वाहिश भाजपा के लिये कहीं अभिशाप न बन जाये।

Sunday, November 17, 2013

कोरिया गणराज्य की महारानी 'हो' बनाम श्री राम जन्म भूमि

रविन्‍द्र द्विवेदी        

अयोध्या के सरयू तट पर कोरिया गणराज्य की महारानी 'हो' का जन्म स्थान स्मारक बना हुआ है।    भाजपा ने देश के हिन्दुओं को 'सौगन्ध राम की खाते है- हम मंदिर वहा बनायेंगे' का नारा दिया। कौन जानता था कि यह नारा सत्ता पाने की कुंजी भर है। यर्थाथ में मंदिर  निर्माण से भाजपा का कोई  नाता नही है। इसका आभास उसी दिन मिल गया था, जब मंदिर  निर्माण के मुद्दे पर भाजपा ने सत्ता हासिल करने के बाद कोरिया गणराज्य की महारानी 'हो' का जन्म स्थान स्मारक बनाने पर सहमति प्रदान की ।

कोरिया गणराज्य ने उत्तर प्रदेश की सत्ता में आसीन भारत सरकार के सामने अयोध्या के सम्पूर्ण विकास एवं उधोग धन्धों की स्थापना के लिए दो सौ करोड़ रूपये की सहायता देने का प्रस्ताव रखा। इतना सुन्दर प्रस्ताव पाकर भाजपा सरकार गदगद हो गई। इससे कुछ समय पहले ही भाजपा सरकार ने भाजपा सरकार ने 21 करोण रूपये मंजूर किये। भाजपा ने बहुत ज्यादा सोच-विचार किये बिना ही कोरिया गणराज्य का प्रस्ताव मान लिया। कोरिया गणराज्य ने भाजपा सरकार की सहमति हासिल होने के बाद अपने देश की महारानी का जन्म स्थान अयोध्या हो गया और वहां पर रानी हो-जन्म स्थान स्मारक बनाने की शर्त रखी। इस शर्त के आगे भाजपा मंदिर  निर्माण का संकल्प भूल गर्इ।  वो कोरिया गणराज्य से मिलने वाले दो सौ करोड़ रूपये हाथ से जाने नही देना चाहती थी। रानी हो के स्मारक के बदले दो सौ करोड़ रूपये के समझौते  में भाजपा के फायर ब्राण्ड नेता विनय कटियार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभार्इ।

    विनय कटियार तक यह योजना काग्रेंस के प्रभावशाली स्थानी नेता निर्मल खत्री ने स्वंय को परदे के पीछे रख कर राजा अयोध्या बिमलेन्द्र प्रताप सिंह के माध्यम से पहुंचार्इ थी। योजना में महारानी हो की याद में अयोध्या को सिस्टर सिटी बनाने का फार्मूला  शामिल था। योजना और फार्मूला  का भाजपा के मुख्यमंत्री तक पहुंचाया गया। उन्होंने सहमति देने में विलम्ब करना उचित नही समझा। सत्ता में थोड़ी बहुत खींचतान के बाद योजना को अंतिम  मंजूरी दे दी गर्इ। भाजपा मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने तयशुदा कार्यक्रम तैयार कर दिया गया। तारिख निशिचत कर दी गर्इ।
     कोरिया गणराज्य से सौ प्रतिनिधियों का शिष्ट मण्डल फैजाबाद पहुंचा और सामाजवदी पार्टी के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह के फैजाबाद रेलवे स्टेशन के नजदीक सिथत कृष्णा होटल में ठहरा। उनकी आगवानी अयोध्या नगर पालिका की तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमती चन्द्रकान्ती मिश्र  ने की। सैद्धानितक तौर पर सरकार की ओर से उन्होंने ही समझौते पर स्वीकृति प्रदान की। इसे 'अयोध्या-कोरिया सम्मेलन' का नाम दिया गया।

     सम्मेलन दोपहर में समाप्त हुआ। सम्मेलन के बाद कोरिया का सौ सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल फैजाबाद प्रशासन लाव लश्कर के साथ सरयू तट के नया घाट पर राम कथा पार्क पहुंचा। वहीं पर महारानी हो के जन्म स्थान स्मारक का शिलान्यास निश्चित  हुआ था। स्मारक के इस उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह को स्वंय आना था। किन्तु किसी कारणवश वो नही पहुंच पाये। राजनाथ सिंह अपनी जगह तत्कालीन पर्यटन राज्य मंत्री लल्लू सिंह को भेजा। लल्लू सिंह के साथ उस शिलान्यास कार्यक्रम में कलराज मिश्र रमापति शास्त्री और शिवकान्त ओझा सहित प्रदेश सरकार के 11 मंत्री उपस्थित हुए। शिलान्यास समारोह में भाजपा के फायर ब्राण्ड नेता विनय कटियार ने महारानी हो का अयोध्या से रिश्ता जोड़ते हुए संभवत: एक काल्पनिक कहानी सुनार्इ।

     करीब दो हजार साल पहले 'हो' का जन्म अयोध्या में हुआ बड़ी होने पर वो रोज सरयू में नहाने जाती थी। नहाने के बाद उसे नौका सवारी का शौक था। नौका सवारी के दौरान एक दिन तेज तूफान आया। तूफान में उसकी नौका भटक गई।  कोरिया गणराज्य के महाराजा ने उसे देखा और उस पर मोहित होकर उससे शादी कर ली महाराजा ने उनका नाम 'हो' रखा। महारानी हो ने कोरिया गणराज्य उत्तराधिकारी को जन्म दिया। बाद में वो कोरिया की राजमाता के नाम से सुविख्यात हुर्इ।'' 

   मनोरंजन के लिये इस कहानी में हर तरह का मशाला है, लेकिन यथार्थ के धरातल पर यह कहानी गले से नीचे नही उतरती। कहानी पूरी तरह कपोल-कल्पित  नजर आती है। कहानी में न तो अयोध्या में जन्म लेने के बाद कोरिया की इस राजमाता के भारतीय नाम का उल्लेख है और न ही उनके मां-बाप के वंशावली का जिक्र है। सबसे ज्यादा समझ में न आने वाला तथ्य यह है कि वो कौन सा काल था, जब से सरयू नदी अयोध्या से होकर कोरिया गणराज्य तक बहती थी। मेरी नजर में ऐसा समय काल कभी था ही नही फिर भला तूफान में भटककर महारानी हो की नौका कोरिया गणराज्य की सीमा में कैसे पहुंची होगी? क्या इसका जवाब विनय कटियार या भाजपा दे सकती है?

    भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर उनका भव्य मंदिर का निर्माण का मामला सन 1949 से चला आ रहा है। पुरातात्विक  विभाग द्वारा उत्खनन में मिले समस्त प्रमाण मंदिर के पक्ष में हैं। प्रमाणित हो चुके है कि वर्तमान में जहां रामलला विराजमान हैं वहीं श्रीराम का जन्म स्थान गर्भगृह है। फिर भी वहां मंदिर निर्माण आरंभ नही हो सका। हमारे आराध्य श्रीराम आज भी छप्परनुमा छोटे से कक्ष में विराजमान हैं। भारत और सारी दुनिया के हिन्दुओं की भावनायें आहत हैं। लेकिन भाजपा एक कपोल-कल्पित  कहानी को आधार बनाकर, बिना सत्यता का प्रमाण लिये सरयू तट पर एक विदेशी महारानी का जन्म स्थान स्मारक बना देती है। भगवान श्रीराम पर विदेशी महारानी को महत्व देने का घृणित कार्य भाजपा जैसी छद्म हिन्दुत्व की पोषक भाजपा ही कर सकती है। भाजपा ने लंबी जद्दोजेहद के बाद 200 करोड़ के बदले विदेशी महारानी का जन्म स्थान स्मारक तो बता दिया लेकिन हिन्दू महासभा और साधू-संतों के विरोध ने विदेशी महारानी की प्रतिमा और जन्म स्थान स्मारक पर आज तक नही लगने दिया।

 विदेशी महारानी स्मारक निर्माण के बदले प्रदेश भाजपा सरकार को मिले 200 करोड़ रूपये अयोध्या के विकास के लिये थे, वो धनराशि कहां गयी? उस धनराशि से अयोध्या का विकास करवाया गया? अगर करवाया गया तो उस धनराशि से हुआ विकास कहां है? जान पड़ता है कि 200 करोड़ का घोटाला कर लिया गया? मैं अयोध्या की यात्रा करता रहा हूं, वहां मुझे विकास की कोर्इ वानगी नही आयी। विदेशी महारानी का जन्मस्थान स्मारक बनवाने के बाद भाजपा ने श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से किनारा कर लिया और शाइनिंग इइण्डिया का नारा दिया। आगामी लोकसभा चुनाव के समय श्रीराम जन्मभूमि को घोषणा पत्र में शामिल करने और चुनाव के बाद अपने एजेण्डे से बाहर निकालने का राजनीतिक खेल खेलती रही है। वास्तव में भाजपा और आरएसएस का श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से कोर्इ नाता नही रहा।

    सन 1949 से अखिल भारत हिन्दू महासभा न्यायालय में लड़ रही है और वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में वही पैरवी कर रही है। भाजपा ने अपने जन्म के बाद आरएसएस के सहयोग से हिन्दू महासभा को अपने विश्वास में लेकर मंदिर निर्माण विषय का राजनीतिकरण कर दिया। हालांकि भाजपा और आरएसएस ने हिन्दू महासभा के साथ न्यायिक विवाद में पैरवीकार बनने का भरसक प्रयास किया, लेकिन सफल नही हो सकी। हां, श्रीराम जन्मभूमि का राजनीतिकरण करके वे उत्तर प्रदेश और केन्द्र की सत्ता हथियाने में जरूर कामयाब हो गयी।


   उ0 प्र0 चुनाव 2012 में भाजपा ने एक बार फिर श्रीराम जन्मभूमि को अपने घोषणापत्र में शामिल किया, लेकिन हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भारतीय निर्वाचन आयोग में कटघरे में खड़ा कर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस जारी करवा दिया। भाजपा में इससे छटपटाहट है और हिन्दू जनता का ठीक से सामना नही कर पा रही है। वास्तव में नोटिस जारी होने से भाजपा बेनकाब हो गयी है। भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का संकल्प छोड़ने वाली, 200 करोड़ की एवज में विदेशी महारानी का सरयू तट पर जन्म स्थान-स्मारक बनवाने वाली भाजपा हिन्दू महासभा के सामने बैकफुट पर है। संभवत: यह भाजपा के पतन का आगाज है। भाजपा का पतन ही हिन्दू महासभा के उत्थान का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। भारत की हिन्दू राजनीति परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। सन 2014 का लोकसभा चुनाव होंगे। हिन्दू महासभा राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य पर भाजपा को पछाड़ कर प्रमुख राजनीतिक शक्ति बनने और सत्ता हासिल करने की दिशा में तत्पर है। आइये, इस गौरवशाली समय का आगमन का स्वागत करने के महायज्ञ में हम दिल्ली विधान सभा चुनाव 2013 और लोकसभा चुनाव 2014 अपने वोट हिन्दू महासभा को देने का संकल्प लें।     

Sunday, October 6, 2013

सन्‍त नगर में भगत सिंह जयन्‍ती पर हिन्‍दू महासभा ने लिया राष्‍ट्र रक्षा का संकल्‍प

वक्‍ताओं का सुरेन्‍द्र रौतेला को विधायक निर्वाचित करने का आह्वान

    अखिल भारत हिन्‍दू महासभा दिल्‍ली प्रदेश के अध्‍यक्ष रविन्‍द्र कुमार द्विवेदी की अध्‍यक्षतामें सन्‍त नगर मेन रोड पर बस स्‍टैण्‍ड पर शहीद भगत सिंह जयन्‍ती पर संपन्‍न राष्‍ट्र रक्षासंकल्‍प दिवस समारोह में भगत सिंह को सरकारी गजट में शहीद का दर्जा देने और भारत रत्‍न से सम्‍मानित करने की आवाज  बुलंद की गई। समारोह में राष्‍ट्र रक्षा वाहिनी ने भी योगदान प्रदान किया।  दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मीदवार  अधिवक्‍ता सुशील मिश्र, हिन्‍दू नेता युवा तुर्क सुशील दूबे, संजया शर्मा, देव सिंह चौहान,  बुराड़ी विधानसभा के उम्‍मीदवार सुरेन्‍द्र रौतेला, श्‍याम पाण्‍डे सहित अनेक वक्‍ताओं ने अपने विचार प्रकट कर शहीद भगत सिंह को नमन किया और उनके सपनों के भारत के निर्माण का आह्वान किया।

    प्रदेश अध्‍यक्ष एवं भारत के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार रविन्‍द्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिलाने के लिये 6 अक्‍टूबर से हस्‍ताक्षर अभियान चलाने का आह्वान किया। उन्‍होने कहा कि भगत सिंह को उग्रवादी बताना केन्‍द्र सरकार की ब्रिटिश हुकूमत के प्रति नतमस्‍तक होने का प्रमाण है, जिसे हिन्‍दू महासभा किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी। इस अवसर पर भगत सिंह के पौत्र यादवेन्‍द्र सन्‍धु को हिन्‍दू रत्‍न से सम्‍मानित किया गया।

    रविन्‍द्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश को सेक्‍युलरिज्‍म और राष्‍ट्र विरोधी तत्‍वों से मुक्ति दिलाने और भ्रष्‍टाचार मुक्‍त भारत बनाने के लिये हर घर में भगत सिंह की जरूरत है। उन्‍होंने जाने माने समाजसेवी  सुरेन्‍द्र रौतेला को भगत सिंह की क्रांतिकारी विचारधारा का ओजस्‍वी वाहक बताते हुये बुराड़ी विधानसभा के मतदाताओं से सुरेन्‍द्र रौतेला को अपना अलग विधायक निर्वाचित करने का आह्वान किया।

   समाज सेवक सुरेन्‍द्र रौतेला ने भी अपने संबोधन में कहा कि अगर जनता ने उन्‍हें विधायक निर्वाचित किया तो वे जनता के विश्‍वास पर खरा उतरेंगे और विधान सभा की समस्‍त कॉलोनियों को समस्‍यामुक्‍त एवं सुविधायुक्‍त बना देंगे। समाज सेवक श्‍याम दूबे ने कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी की जनविरोधी नीतियों को कोसते हुये कहा कि उनकी कथनी और करनी में आकाश-पाताल का अंतर है। ऐसे राजनीतिक दलों से राष्‍ट्र और राष्‍ट्रवासियों का कभी भला नही हो सकता।  श्‍याम पाण्‍डे ने अखिल भारत हिन्‍दू महासभा की रीतियों की प्रशंसा करते हुये रविन्‍द्र द्विवेदी के नेतृत्‍व में महासभा का विस्‍तार करने और सुरेंद्र रौतेला को वोट देकर जनता से झूठे वादे करने वाले राजनीतिक दलों को सबक सिखाने की अपील की।

    वहीं सुशील दूबे ने अपने संबोधन में कहा कि देश को महात्‍मा गांधी की अहिंसा ने नही वरन् शहीद भगत सिंह की क्रांति ने आजाद कराया था। गांधी को महानायक बताकर भगत सिंह की शहादत का इतिहास में उचित स्‍थान नही दिया गया जो गलत था।

    मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मीदवार सुशील मिश्र ने भगत सिंह के सपनों के भारत का निर्माण कराने के लिये हिन्‍दू महासभा को सत्‍ता की चाभी सौंपने की अपील की। मंच संचालन हिन्‍दू महिला स्‍भा बुराड़ी विधानसभा की अध्‍यक्षा श्रीमती रीना गांधी ने किया। उन्‍होने भगत सिंह को भारत माता का सच्‍चा सपूत बताया। समारोह में भगत सिंह के पौत्र यादवेंद्र संधू को हिन्‍दू रत्‍न, श्रीमती वीना भट्ट को हिन्‍दू वीरांगना रत्‍न, सुनील कंडेरा, रमेश बाल्‍मीकि एवं दो अन्‍य हिन्‍दू प्रतिभावों को हिन्‍दू वीर रत्‍न से सम्‍मानित किया गया। यह सम्‍मान बुराड़ी विधानसभा के उम्‍मीदवार एवं समाजसेवक सुरेन्‍द्र रौतेला के कर कमलों  से दिया गया। समारोह में हिन्‍दू महासभा बुराड़ी वार्ड के प्रभारी विरेन्‍द्र कुमार, प्रचार मंत्री नरेंद्र कुमार, राष्‍ट्रीय प्रचारक कृष्‍ण कुमार सिसोदिया, उत्‍तराखण्‍ड प्रकोष्‍ठ के जिला महामंत्री चंदन सिंह मनराल, प्रमोद कुमार, हिन्‍दू युवक सभा के प्रदेश अध्‍यक्ष सचिन राजपूत, भारतीय भाषा प्रकोष्‍ठ के अध्‍यक्ष शैलेंद्र कुमार सहित सैकड़ों लोगों ने राष्‍ट्रीय रक्षा का संकल्‍प लिया।

    

Saturday, October 5, 2013

बुराड़ी को हांग-कांग बनाने की घोषणा पर सांसद जय प्रकाश अग्रवाल पर बरसी हिन्दू महासभा

बुराड़ी की ऐतिहासिक पहचान को बचाने में जान की बाजी लगा देंगे रविन्द्र द्विवेदी

     उत्तरी पूर्वी दिल्ली के सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल द्वारा बुराड़ी को हांग-कांग बनाने की घोषणा पर बुराड़ी विधान सभा की राजनिति में अकस्मात उबाल आ गया है। अखिल भारत हिन्दू महासभा इस राजनीतिक उबाल की सूत्रधार बनी हैं। हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र द्विवेदी  ने जे0 पी0 अग्रवाल की घोषणा पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस बुराड़ी की ऐतिहासिक पहचान को नष्ट करना चाहती है। इसे हिन्दू महासभा किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी।

      सन्त नगर में एक सभा को संबोधित करते हुए रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि बुराड़ी की ऐतिहासिक पहचान द्वापर युग से जुड़ी है। भगवान श्री कृष्ण की बारात बुराड़ी से होकर निकली थी। कृष्ण को दुल्हा वेश में देखकर तत्काली ग्रामीणों ने कहा था। वर '''कृष्ण'' मुरारी ''कृष्ण'' आ रहे हैं। तब इस गांव का नाम ''वर मुरारी'' पड़ा। कालान्तर में वर लुप्त हो गया और 'मुरारी' नाम रह गया। मुरारी गांव ही वर्तमान में बुरारी गांव है। जय प्रकाश अग्रवाल ने बुराड़ी गांव को हांग-कांग बनाने की घोषणा कर बुराड़ी की ऐतिहासिक पहचान मिटाने की कोशिश की है।
     रविन्द्र द्विवेदी ने साफ कहा कि हिन्दू महासभा बुराड़ी की ऐतिहासिक पहचान मिटाने में लिप्त कांग्रेस की मंशा को कभी कामयाब नही होने देंगे। बुराड़ी की ऐतिहासिक पहचान की रक्षा और बुराड़ी को विकास और खुशहाली से जोड़ने के लिए हिन्दू महासभा के कार्यकर्ता जान की बाजी लगा देंगे।        


सुरेन्द्र रौतेला बुराड़ी विधानसभा से हिन्दू महासभा उम्मीदवार


    बुराड़ी विधानसभा के जाने-माने समाज सेवक और गौ रक्षक सुरेन्द्र रौतेला की अखिल भारत हिन्दू महासभा से बढ़ती नजदीकियों से बढ़ती राजनैतिक गलियारों में चर्चा गरम है कि सुरेन्द्र रौतेला बुराड़ी विधान सभा से हिन्दू महासभा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। पहले हिन्दू महासभा कार्यालय की बैठक में उनकी मौजूदगी और 28 सितंबर को संत नगर में शहीद भगत सिंह जयंती समारोह में उनकी उपसिथति को लेकर मतदाताओं को आभास हो चुका है कि सुरेन्द्र रौतेला निशिचत रूप से हिन्दू महासभा के टिकट पर विधायक बनने की राह पर अग्रसर हैं।

    हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र द्विवेदी अपनी सभाओं में बार-बार घोषणा कर रहे हैं कि सुरेन्द्र रौतेला को बुराड़ी विधानसभा से अगला विधायक निर्वाचित करना हिन्दू महासभा का लक्ष्य है। रविन्द्र द्विवेदी की घोषणाओं के अनुसार सुरेन्द्र रौतेला हिन्दू महासभा से चुनाव लड़ते हैं तो उनका स्वागत है। हिन्दू महासभा के टिकट पर चुनाव नही लड़ते तो भी हिन्दू महासभा सुरेन्द्र रौतेला को अपना समर्थन देगी।

    सुरेन्द्र रौतेला के समर्थकों का कहना है कि सुरेन्द्र रौतेला निर्दलीय चुनाव किसी भी कीमत पर नही लड़ेंगे। सुरेन्द्र रौतेला को चुनने का आहवान वाला पम्पलेट कालोनियों में बांटा जा रहा है, जो उम्मीदवारों को उनकी दावेदारी को पुख्ता करता है। निर्दलीय न लड़ने का ऐलान और हिन्दू महासभा से उनकी नजदीकियां समझने के लिये पर्याप्त है कि देर-सबेर हिन्दू महासभा का दामन थामकर चुनावी वैतरणी पार लगाने का प्रयास करेंगे।


     सुरेन्द्र रौतेला उत्तराखण्ड समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। बुराड़ी विधानसभा में पूर्वांचल, हिमाचल, राजस्थान और समाज के सभी वर्गों में सुरेन्द्र रौतेला की लोकप्रियता और हिन्दू महासभा का समर्थन विधान सभा चुनाव में सुरेन्द्र रौतेला की जीत को पुख्ता करता है। यह कांग्रेस, भाजपा, बसपा, लोजपा और आम आदमी पार्टी के लिये खतरे की घण्टी है। सुरेन्द्र रौतेला के बढ़ते कदमों को रोकने के लिये इन दलों की बदलती रणनीतियों के बीच बुराड़ी विधानसभा चुनाव  बहुकोणीय संघर्ष में देखना बेहद रोचक होगा।


हजार वोल्टज की तार हटवाने का आदेश पारित करवाने पर हिन्दू महासभा का अभार जताया

     भाजपा झूठा श्रेय लूटना चाहती है-

    अखिल भारत हिन्दू महासभा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष रविन्द्र द्विवेदी के नेतृत्व में दो साल से चलाया जा रहा आन्दोलन और जून 2013 में बाबा कालोनी में चलाया गया हस्ताक्षर अभियान रंग लाया। आंदोलन के समक्ष दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार नें घुटने टेकते हुये बीती 26 अगस्त को बाबा कालोनी, संत नगर आदि विभिन्न कालोनियों में रिहायशी मकानों के ऊपर से जा रही हजार वोल्टेज की खतरनाक, जानलेवा तारों को हटाने का आदेश पारित कर दिया है। 54 लाख रूपये की लागत की तारों की हटाने की योजना का आधा हिस्सा ऊर्जा विभाग वहन करेगा और आधा हिस्सा विधायक फण्ड से लिया जा रहा है। बुराड़ी के निवासियों ने तारों को हटाने का आदेश पारित करवाने पर प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र द्विवेदी का आभार जताया है।

    हिन्दू महासभा उत्तराखण्ड प्रकाष्ठ के जिलाध्यक्ष देवसिंह चौहान और महामंत्री चंदन सिंह मनरा ने कहा कि रविन्द्र द्विवेदी की मेहनत, लगन और सफल आंदोलन का भाजपा झूठा श्रेय लेने का प्रयास कर रही है। बुराड़ी की जनता भाजपा का ढोंग अच्छी तरह समझती है और चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की जमानत जब्त करवाकर उसे करारा सबक सिखायेगी।


    देवसिंह चौहान ने कहा कि हिन्दू महासभा की लोकप्रियता से भाजपा बौखला गयी है। भाजपा हिन्दू महासभा की सफलताओं का झूठा श्रेय लूटकर बुराड़ी विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है। लेकिन बुराड़ी की जागरूक जनता कभी उसे कामयाब नही होने देगी। उन्होने दावा किया कि जनता हिन्दू महासभा को वोट देने का मन बना चुकी है और अगला विधायक हिन्दू महासभा का ही निर्वाचित होगा।

बाबा कालोनी में हिन्दू महिला सभा ने चलाया सफार्इ अभियान, जनता ने दिया वोट देने का भरोसा

   अखिल भारत हिन्दू महासभा बुराड़ी विधान सभा की कालोनियों में, गलियों, नालियों और सड़कों के निर्माण के साथ साफ-सफार्इ के अभियान को लंबे समय से चला रही है। सड़कों, गलियों और नालियों के निर्माण का क्रम हिन्दू महासभा के अभियान की सफलता का प्रतीक है, लेकिन नालियों की सफार्इ पर प्रशासन मौन है। प्रशासन के मौन का सटीक जवाब देने का हिन्दू महासभा की महिला इकार्इ 'हिन्दू महिला सभा बुराड़ी विधानसभा मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती रीना गांधी ने बीड़ा उठाया। श्रीमती रीना गांधी ने सफार्इ अभियान के लिये हिन्दू महासभा के बैनर तले बाबा कालोनी बी-ब्लाक में हस्ताक्षर अभियान चलाकर न केवल जनता को जागरूक बनाया वरन आस-पास के लोगों का समूह बनाकर आपस में चंदा जुटाकर गली नं0 7-ए से सफार्इ अभियान का श्री गणेश भी किया। सफार्इ अभियान का आधा फण्ड समूह के सदस्यों ने दिया और आधा फण्ड रीना गांधी ने अपनी जेब से खर्च किया। नालियों की सफार्इ कराने पर स्थानिय निवासियों ने रीना गांधी का आभार प्रकट किया।


रीना गांधी ने इसका सारा श्रेय हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र द्विवेदी को देते हुये कहा कि सफार्इ अभियान की प्रेरणा उन्हें रविन्द्र द्विवेदी से मिली। उनके अभियान का यह कारवां आगे भी जारी रहेगा। स्थानिय जनता ने विधानसभा चुनाव में हिन्दू महासभा प्रत्याशी को वोट देने का भरोसा दिलाया है।