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Saturday, February 5, 2022

स्वामी त्रिदंडी हिन्दू महासभा से सन्यास लेकर अपना मानसिक उपचार करवाये - रविन्द्र कुमार द्विवेदी


      नई दिल्ली , 4 फरवरी , अखिल भारत हिन्दू महासभा के  राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने हिन्दू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी त्रिदंडी जी महाराज पर आज भी मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का आरोप लगाया है । उन्होंने यह आरोप उनके हस्ताक्षरों से भारतीय निर्वाचन आयोग को आज  जारी एक पत्र के संदर्भ में लगाया । स्वामी जी ने अपने आज के पत्र में सुश्री राज्यश्री चौधरी के समर्थन में 7 जनवरी 2019 को जारी पत्र को वापस लेने का उल्लेख किया है , जो उनके मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का प्रत्यक्ष प्रमाण है । कुछ दिन पहले भी वो आत्महत्या करने की धमकी देकर अपनी मानसिक अस्वस्थता का प्रमाण सिद्ध कर चुके हैं ।

     रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने जारी बयान में मीडिया के समक्ष स्वामी त्रिदंडी के दोनों पत्रों को साझा करते हुए कहा कि 7 जनवरी 2019 के पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि वो शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और सुश्री राज्यश्री को निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार करते हुए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा छोड़ रहे हैं । पत्र में स्वामी जी ने यह भी लिखा था कि उनका यह पत्र अपरिवर्तनीय है अर्थात जिसे बदला नही जा सकता । आज के पत्र में स्वामी जी स्वयं अपने पिछले पत्र के निर्णय को बदलने की बात कर रहे हैं , जो उन्हें स्वतः मानसिक रूप से अस्वस्थ सिद्ध करता है । वास्तव में वो स्वयं भी अपने पिछले पत्र में लिखी इबारत को बदलने का अधिकार खो चुके थे  , किन्तु कुछ साजिशकर्ताओं के इशारे पर स्वयं को ही अपमानित करवाने पर विवश हो गए हैं ।

          रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने आरोप लगाया कि एक फरवरी को राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में 7 जनवरी 2019 का पत्र सार्वजनिक होने के बाद स्वामी त्रिदंडी जी स्वयं प्रदेश अध्यक्षों को फोन पर कह रहे थे कि वो पत्र उन्होंने नहीं दिया , क्योंकि उन्हें अंग्रेजी आती ही नही ।  आज पुनः अंग्रेजी में पत्र जारी कर स्वामी जी ने सिद्ध किया कि वो अपने कार्यकर्ताओं से झूठ बोलकर उन्हें गुमराह कर रहे थे । 

      रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि अब जबकि यह प्रमाणित हो चुका है कि 7 जनवरी 2019 का पत्र स्वामी त्रिदंडी जी द्वारा ही निर्वाचन आयोग को दिया गया था , तो अब उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि तीन साल तक इस पत्र को अपने ही पदाधिकारियों से क्यों छिपाया ? क्यों  अपने ही कार्यकर्ताओं को गुमराह करते हुए उन्हें अंधेरे में रखा ? क्यों अपने अपरिवर्तनीय पत्र को वापस लेने का नाटक करके फिर से अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं ? 

      रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि एक स्वस्थ मानसिकता वाला व्यक्ति न तो आत्महत्या की धमकी देता है और न ही अपने अपरिवर्तनीय पत्र को वापस लेने का नाटक कर अपने कार्यकर्ताओं को गुमराह करने का प्रयास करता है । उन्होंने कहा कि देश का प्रत्येक हिन्दू महासभाई स्वामी त्रिदंडी की वास्तविकता और उनकी मानसिक अस्वस्थता से अवगत हो चुका है और उनसे गुमराह होने वाला नहीं है । 

      रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने स्वामी त्रिदंडी जी को हिन्दू महसभा से सन्यास लेकर किसी योग्य मनोचिकित्सक से उपचार करवाने और शेष जीवन ईश्वर भक्ति में व्यतीत करने का परामर्श दिया है ।

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